गाजियाबाद के डासना मंदिर कांड में जख्मी नरेशानंद ने युवावस्था में ही ले लिया था वैराग्य
समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना क्षेत्र स्थित शाहपुर उंडी निवासी वैरागी संत स्वामी नरेशानंद...
समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना क्षेत्र स्थित शाहपुर उंडी निवासी वैरागी संत स्वामी नरेशानंद सरस्वती पर गाजियाबाद के डासना मंदिर में अज्ञात हमलावरों ने चाकू से गोदकर जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर अवस्था में स्वामी नरेशानंद को गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां वे जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। हमलावरों ने उनकी गर्दन तथा पेट पर चाकू से कई वार किए। घटना की सूचना मिलने के बाद से उनके परिजन काफी बचैन हैं।
53 वर्षीय स्वामी नरेशानंद सरस्वती ने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर 1990 में ही वैराग्य धारण कर लिया था।
वे स्वामी विवेकानंद के जीवन से काफी प्रभावित थे। इसी उम्र से उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया। अविवाहित रहकर ब्रह्मचर्य जीवन का पालन करने वाले स्वामी नरेशानंद अन्य हिंदू धर्मावलंबियों की तरह देश के कोने-कोने में जाकर हिंदुत्व के प्रसार के लिए कार्य करते थे। उनके पिता स्व.रामचंद्र जी का निधन हो चुका है और वर्तमान में उनकी माता देवकली देवी शाहपुर उंडी स्थित आवास में रहती है। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व स्वामी नरेशानंद कुछ दिनों के लिए अपनी माता से मिलने घर आए थे, परंतु कुछ ही दिनों बाद वे पुन: अपने अभियान की ओर निकल पड़े। इस घटना से पटोरी के लोग हतप्रभ एवं मर्माहत हैं। घटना की जानकारी मिलते ही उनकी मां रोने लगी तथा अपने ईष्ट देव से अपने पुत्र की मंगलकामना करने लगी। इस घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में भी आक्रोश व्याप्त है। घटना को लेकर स्थानीय लोग दिल्ली में नरेशानंद के जाननेवालों के संपर्क हैं।
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