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कारतूस गायब: समस्तीपुर में निर्गत पंजी पर ओवर राइटिंग कर की गयी हेराफेरी

समस्तीपुर। हिन्दुस्तान संवाददाता। डीआईजी के आदेश पर एसपी दीपक रंजन के द्वारा गठित जांच टीम के द्वारा की गयी पुलिस केंद्र के शस्त्रागार में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी है। एसपी को सौंपी गयी जांच...

कारतूस गायब: समस्तीपुर में निर्गत पंजी पर ओवर राइटिंग कर की गयी हेराफेरी
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरMon, 02 Jul 2018 01:53 PM
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डीआईजी के आदेश पर एसपी दीपक रंजन की ओर से गठित जांच टीम की ओर से पुलिस केंद्र के शस्त्रागार में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी है। एसपी को सौंपी गयी जांच टीम में कतिपय कर्मियों की मिली भगत से लंबे समय से अनियमितता बरती जाने का मामला सामने आया है। फिलहाल 16 महीने की जांच में लगभग चार हजार गोली के गायब होने का बड़े मामले का पर्दाफाश किया गया है। विस्तृत जांच में गायब गोली की संख्या में काफी अंतर आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

66 के बदले दिखाया गया 466:

मिली जानकारी के अनुसार शस्त्रागार के भंडार के भौतिक सत्यापन के दौरान निर्गत पंजी में कर्मियों के द्वारा ओवर राइटिंग भी की गई है। इसमें .38 के मासिक निर्गत पंजी की जांच के दौरान छह जून 2000 को बिहार सैन्य पुलिस हजारीबाग पद्मा को .38 की मात्र 66 गोली निर्गत की गई थी। जो जुलाई 2013 तक निर्गत पंजी में 66 ही अंकित था, लेकिन बाद में उक्त पंजी में अगस्त 2013 में 466 एवं मई 2016 से 566 बीएफ प्रविष्टि में कर्मियों द्वारा ओवर राइटिंग कर निर्गत दिखाया गया है। वहीं 9एमएम की गोली के भौतिक सत्यापन में 2061 गोली उपलब्ध पाया गया तथा पूर्व में निर्गत पंजी के सत्यापन के बाद 3817 गोली कम पायी गयी।

इंसास की भी गायब मिली 26 गोली:

वहीं 9एमएम के मासिक निर्गत पंजी में अक्टूबर 2016 तक बिहार सैन्य पुलिस हजारीबागर को सात सौ गोली निर्गत है। इसे नवंबर 2016 में सात सौ की जगह नौ सौ दिखाया गया है। जबकि शस्त्रागार के इंसास के 5.56एमएम की जांच के दौरान 11880 गोली वितरण दिखा गया था, तथा भंडार में 1145 गोली उपलब्ध दिखाया गया। भौतिक सत्यापन में 26 गोली कम पायी गयी। कारबाईन मैगजीन में भी नौ मैगजीन कम पाया गया।

रेज डीआईजी टीम के निरीक्षण में हुआ खुलासा:

मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा डीआईजी की रेंज टीम के द्वारा पुलिस केंद्र का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान निर्गत पंजी एवं भंडारण के सत्यापन में काफी अनियमितता पायी गयी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुये डीआईजी ने एसपी को पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस केंद्र में कार्यरत सिपाही आशिष आनंद ने भी जांच के लिये एसपी को आवेदन दिया। दोनों मामले को गंभीरता से लेते हुये एसपी दीपक रंजन ने जांच टीम का गठन किया। जांच टीम में दलसिंहसराय डीएसपी कुंदन कुमार के अलावे मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार सिंह व मुफस्सिल सर्किल इंस्पेक्टर राम नरेश पासवान को शामिल किया गया। इसके बाद इस मामले की सघन जांच की गयी तो परत दर परत मामला खुलासा हुआ।

इन महीनों की निर्गत पंजी की हुई जांच:

एसपी के आदेश पर जांच टीम ने 9एमएम की मासिक निर्गत पंजी एवं मासिक विवरणी पंजी में जून 2015 से लेकर मई 2018 के बीच के कुल 16 माह के विवरणी की जांच की। इस दौरान वर्ष 2015 में जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर व नवंबर महीने के पंजियों की जांच की। इसके बाद वर्ष 2016 में जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर महीने की जांच की गयी। वहीं वर्ष 2017 में जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल एवं मई महीने की जांच की गयी।

हिन्दुस्तान में प्रकाशित हुई थी खबर:

पुलिस केंद्र से हजारों गोली गायब मामले को लेकर हिन्दुस्तान ने सबसे पहले 14 जून को ही खबर प्रकाशित की थी। उस समय गायब कारतूस का हिसाब मिलाया जा रहा था। हालांकि, उस समय कोई वरीय अधिकारी इस मामले को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे थे।

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