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ई-टिकटिंग मामले में आरपीएफ के रडार पर टिकट के कई दलाल

कोरोना संकट काल में चल रही स्पेशल ट्रेन में कंफर्म बर्थ दिलाने के नाम पर दलाल काफी सक्रिय हैं। रेल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों फर्जी व निजी आईडी पर कंफर्म टिकट के नाम पर टिकट दलालों का...

ई-टिकटिंग मामले में आरपीएफ के रडार पर टिकट के कई दलाल
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरWed, 02 Sep 2020 05:34 PM
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कोरोना संकट काल में चल रही स्पेशल ट्रेन में कंफर्म बर्थ दिलाने के नाम पर दलाल काफी सक्रिय हैं। रेल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों फर्जी व निजी आईडी पर कंफर्म टिकट के नाम पर टिकट दलालों का गोरखधंधा चल रहा है। इसमें कैफे संचालकों की भूमिका अहम होती है।

स्पेशल ट्रेन में भोले-भाले यात्रियों को मूल टिकट में छेड़छाड़ कर टिकट देने का मामला भी सामने आया है। जिसके कारण यात्रियों को अपनी यात्रा स्टेशन पर ही छोड़नी पड़ी। इस संबंध में वाणिज्य विभाग एवं आरपीएफ द्वारा चलाये जा रहे जांच अभियान के बाद इन टिकट दलालों के बीच हड़कंप मच गया है।

जिसके कारण रेल मंडल में दर्जन भर से अधिक कैफे संचालक आरपीएफ के रडार पर हैं। जहां ई-टिकटिंग के मामले की निगरानी की जा रही है। ताकी ऐसे टिकट दलाल एवं कैफ संचालकों पर कारवाई की जा सके। पिछले एक सप्ताह में समस्तीपुर, नरकटियागंज, सीतामढ़ी, दरभंगा सहित अन्य स्थानों पर ईटिकटिंग का मामला सामने आया है। इसके बाद से आरपीएफ ने इससे जुड़े नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया गया है।

मूल टिकट में होता है छेड़छाड़

ट्रेनों में कंफर्म टिकट को लेकर काफी मारामारी चल रही है। ऐसे में यात्रियों के जरुरत के हिसाब से कैफे संचालक व टिकट दलाल इसका गलत फायदा उठाते हैं। इस दौरान कैफे संचालक बुजुर्ग एवं महिला यात्रियों के नाम पर अन्य यात्रियों की टिकट बुकिंग करता है। फिर यात्रियों को मूल टिकट में छेड़छाड़ कर टिकट प्रिंट कर थमा देता है। यात्रियों के टिकट में नाम, उम्र, पता, बर्थ संख्या सभी होते हैं, जबकि मूल टिकट में यात्रियों का नाम व उम्र कुछ अलग होता है। जांच में खुलासा होने के बाद दर्जन भर से अधिक यात्रियों को स्टेशन पर ही अपनी यात्रा रोकनी पड़ी।

फर्जी व निजी आईडी पर चलता खेल

कैफे संचालक ऑन लाइन टिकट बुकिंग में फर्जी आईडी के साथ-साथ निजी आईडी का भी इस्तेमाल करता है। इससे रेलवे को तो भले ही राजस्व की हानी नहीं हो, लेकिन यात्रियों को फेंक नाम पर टिकट बुकिंग कर बेच दी जाती है। जानकारी के अनुसार निजी आईडी पर यात्री स्वयं या फिर नजदिकी रिश्तेदारों का ही टिकट बना सकते हैं। लेकिन कैफे संचालक इन दिनों धड़ल्ले से गलत तरीके से टिकट बेचते हैं। आरपीएफ की छापेमारी में इसका खुलासा हो गया है।

ई-टिकटिंग मामले की शिकायत मिलते ही कारवाई शुरू कर दी गयी है। कुछ कैफे संचालक को पकड़ा भी गया है। इसके नेटवर्क से जुड़े तार को भी खंगाला जा रहा है। वहीं टिकट में छेड़छाड़ करने का भी मामला सामने आया है। ऐसे कैफे संचालकों पर कड़ी कारवाई की जायेगी।

-अंशुमान त्रिपाठी, कमांडेंट, आरपीएफ, समस्तीपुर।

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