जांच में गलत निकला कथित देशद्रोह संबंधी वायरल वीडियो
कथित भारत विरोधी नारे के चार सेकेंड का वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार सुबह पूरे प्रखंड का तापमान गरम हो गया। मामला इतना हाइप्रोफाइल हो गया कि डीजीपी के आदेश पर एसपी हरप्रीत कौर ने तुरंत स्थानीय...
कथित भारत विरोधी नारे के चार सेकेंड का वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार सुबह पूरे प्रखंड का तापमान गरम हो गया। मामला इतना हाइप्रोफाइल हो गया कि डीजीपी के आदेश पर एसपी हरप्रीत कौर ने तुरंत स्थानीय पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इस पर पुलिस सक्रिय हो वीडियो की जांच में जुट गयी, जिसमें वीडियो गलत निकला। उसके बाद सभी लोग शांत हुए। अब पुलिस वीडियो का गलत तरीके से उपयोग करने और वायरल करने वाले की तलाश में जुट गयी है।
रोसड़ा डीएसपी अरुण कुमार दुबे ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलवामा कांड के विरोध में 16 फरवरी को सिंघिया के लिलहौल गांव में कैंडल मार्च निकाला गया था। जिसमें सभी समुदाय के लोगों ने भाग लिया था। कैंडल मार्च में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। जिस क्रम में एक व्यक्ति भूलवश कुछ अलग बोल गया। उपद्रवी तत्वों ने इसी अंश को क्रॉप कर चार सेकेंड का वीडियो क्लिप बना वायरल कर दिया था। किसी ने वायरल वीडियो की क्लिप डीजीपी मुख्यालय को भेज दी थी। जिस पर डीजीपी मुख्यालय भी तुरंत हरकत में आ गया था। मामले की जांच व कार्रवाई के लिए एसपी को मुख्यालय से आदेश आया। जांच में वीडियो क्लिप के आधार पर सरपंच समेत कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए रोसड़ा डीएसपी अरुण कुमार दूबे, खुद थाने पहुंच गए। इधर, सरपंच को हिरासत में लिए जाने की सूचना से लोगों में आक्रोश भर गया। लेकिन, पुलिस ने बारीकी से वीडियो की जांच की तो उपद्रवी तत्वों की करतूत उजागर हो गयी।
डीएसपी ने बताया कि जिस उपद्रवी तत्व ने मूल वीडियो से छेड़छाड़ कर चार सेकंड का वीडियो क्लिप बना वायरल किया। उसकी पहचान की जा रही है। पहचान होने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।