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आवागमन बंद होने नहीं पहुंच पा रहे अस्पताल

लॉकडाउन थ्री में सरकार के आदेश पर शहर में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुरू कर दी गयी है। कुछ निजी डॉक्टरों के क्लीनिक भी खुलने लगे हैं। हालांकि अब भी कुछ ऐसे निजी अस्पताल हैं जहां कोरोना के कारण...

आवागमन बंद होने नहीं पहुंच पा रहे अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरSat, 16 May 2020 12:53 PM
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लॉकडाउन थ्री में सरकार के आदेश पर शहर में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुरू कर दी गयी है। कुछ निजी डॉक्टरों के क्लीनिक भी खुलने लगे हैं। हालांकि अब भी कुछ ऐसे निजी अस्पताल हैं जहां कोरोना के कारण न तो ओपीडी और न ही आपातकालीन सेवा शुरू की गयी है।

अलबत्ता सदर अस्पताल के अलावे अनुमंडलीय अस्पतालों में भी ओपीडी शुरू की जा चुकी है। हालांकि जिला मुख्यालय के अधिकांश निजी अस्पतालों में आपातकालीन सेवा के साथ-साथ अब ओपीडी सेवा शुरू है। जहां सोशल डिस्टेंसिंग के कड़ाई से पालन करने के साथ मरीजों की चिकित्सा की जाती है, लेकिन लॉकडाउन में यात्री वाहनों के परिचालन पर रोक से मरीज व उनके परिजन क्लीनिक तक उस तरह नहींे आ पा रहे हैं जैसे पहले आते थे। डॉक्टरों के निजी क्लिीनिक या अस्पतालों के आसपास के लोग ही इलाज कराने पहुंच पाते हैं। दूर से इक्के दुक्के वैसे ही लोग ही पहुंच पाते हें जिनके पास अपनी गाड़ी है। हालांकि फिलहाल आंख, कान, नाक, दांत से संबंधित अस्पताल अभी भी बंद ही हैं। प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी में भी अभी ी ओपीडी सेवा बंद है। जिसके कारण सामान्य तरीकों के मरीजों को काफी परेशानी होती है।

सरकारी अस्पतालों में चल रहा ओपीडी : सीएस डॉ. आरआर झा ने बताया कि सदर अस्पताल सहित सभी अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू है। पीएचसी में भी यह सेवा शुरू है, लेकिन क्वारंटीन सेंटर में डॉक्टरों के जाने के कारण नियमित रूप से पीएचसी में ओपीडी चलाना मुश्किल हो रहा है। वैसे अस्पताल पहुंचने वाले हर मरीजों का इलाज किया जाता है। निजी अस्पतालों को भी सुरक्षा को अपनाते हुये मरीजों का इलाज करने का निर्देश दिया गया है। कोविड 19 के लक्षण वाले मरीज के बारे में सूचना देने का आदेश दिया गया है।

अस्पताल को नहीं करना होगा सील : आईएमए अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि सभी प्रकार के सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में निजी अस्पताल में भी डॉक्टर सुरक्षा मानक को अपना सेवा दे रहे हैं। इसके बावजूद अगर कोई पॉजिटिव मरीज मिलता है तो निजी अस्पताल को सील नहीं किया जाना चाहिए। सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में भी पॉजिटिव मरीज मिलता है तो उसे तो सील नहीं किया जाता है। सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिये, ताकि सभी अस्पतालों में नियमित रूप से सेवा दी जा सके। दूसरी ओर गंभीर मर्ज वाले लोगों को भी इलाज कराने में सुविधा हो।

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