शहर में बिजली की स्थिति संभली, गांव में समस्या बरकरार
जिले में पिछले कई दिनों से जारी बिजली संकट बरकरार है। लोड शेडिंग के कारण अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोटेशन से ही बिजली की आपूर्ति की जा रही...
समस्तीपुर। हिन्दुस्तान टीम
समस्तीपुर जिले में पिछले कई दिनों से जारी बिजली संकट बरकरार है। लोड शेडिंग के कारण अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोटेशन से ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि पिछले 24 घंटे में शहरी क्षेत्र में स्थिति काफी सुधरी है, लेकिन गांव में अभी भी स्थिति जस की तस है।
दलसिंहसराय में पिछले तीन दिन से टाउन एक फीडर में औसतन 16 घंटे, पगड़ा व कांचा फीडर में 8 घंटे, टाउन 3 में भी 8 घंटे बिजली आपूर्ति हुई है। मतदान के बाद रात में बिजली रुक रुककर घंटों गोल रही। दलसिंहसराय विद्युत सब स्टेशन को 5-6 मेगावाट बिजली ही मिलती है। जबकि दलसिंहसराय में पीकआवर में 18 मेगावाट बिजली की खपत है। मोहनपुर में विगत दो दिनों की अपेक्षा बिजली की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि बीच-बीच में कुछ समय के लिए बिजली कट जाया करती है। वारिसनगर में बिजली की स्थिति अच्छी नही है। बीच-बीच में कुछ समय के लिए बिजली कट जाती है। 5 से 6 घन्टे बिजली बाधित रहता है। जेई गौरव कुमार ने बताया कि प्रयास जारी है स्थिति में सुधार होगा। पटोरी में भी पिछले कुछ दिनों से विद्युत आपूर्ति में कटौती हुई है परंतु इस कटौती का बड़ा असर नहीं देखा जा रहा है। पटोरी को पहले लगभग 23 घंटे बिजली की आपूर्ति होती थी, जो घटकर लगभग 18 घंटे ही रह गई है।
जेई हरिशंकर पासवान ने बताया कि शाम में लोड शेडिंग की समस्या अधिक रहती है। पूर्व में शाहपुर पटोरी को कुल 7 से 7.5 मेगावाट बिजली प्रतिदिन आपूर्ति की जाती थी। यह आपूर्ति वर्तमान में घटकर 3 से 3.5 मेगावाट हो गई है। विभूतिपुर में भी एक सप्ताह से आपूर्ति में कटौती हुई है। दिन में और खासकर संध्या में तो कई बार बिजली कट-कट कर आती जाती रहती है। जिसके कारण लोगो को संध्या में एक बार फिर से मोमबत्ती और सलाई खोजना पड़ता है। शाम के समय मे बिजली गायब रहना अब प्रतिदिन की नियति बन चुकी है। वैसे बिजली विभाग द्वारा बिजली की आपर्ति के लिये सुधार के प्रयास जारी है। हसनपुर में शुक्रवार सुबह से ही बिजली की स्थिति कमोवेश अच्छी है। जबकि तीन दिन पूर्व बिजली की व्यवस्था चरमरा गई थी। लोगों को मात्र छह सात घंटे ही बिजली मिलती थी। वहीं सरायरंजन में बिजली की स्थिति फिलहाल ठीक है, लेकिन हर दिन शाम में एक से डेढ़ घंटा कट जाता है।
इधर, कल्याणपुर क्षेत्र में शनिवार से बिजली की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। वहीं ताजपुर में बिजली की हालत चरमराई हुई है। रह-रहकर आती जाती रहती है। घंटे दो घंटे बाद गायब हो जाती है। दिन में किसी तरह बिजली मिल जाती है। परंतु छह बजे शाम के बाद प्राय: गायब हो जाती है जो कई घंटे तक लगातार गायब रहती है। उजियारपुर में मतदान के दिन लगभग 20 घंटा आपूर्ति की गयी। जबकि शनिवार को अनियमित आपूर्ति है। पूसा में बिजली की आपूर्ति काफी कम हो गयी है। विवि परिसर को छोड़ अन्य ग्रामीण क्षेत्रो में करीब 16 घंटे एवं शहरी क्षेत्र में 19 घंटे तक आपूर्ति हुई है। पहले से करीब 2 से 4 घंटे आपूर्ति कम है।
मोहिउद्दीननगर में पिछले दो दिनों की अपेक्षा आज की स्थिति ठीक है। फिर भी दो तीन घंटो के अंतराल में 30 से 45 मिनट तक बिजली गायब हो जा रही है। मोरवा प्रखंड में बिजली की बड़ी बदतर स्थिति है। दिनभर आंख मिचौली चलती रहती है। दिन में तो बिजली कई घंटे रहती भी है। छात्र-छात्राओं के पढ़ाई लिखाई के समय शाम ढलते ही तीन से 4 घंटे के लिए गायब हो जाती है। रात में 2 घंटे के लिए आती है फिर भोर तक बिजली गायब रहती है।