मेडिकल कचरा के निपटारे को लेकर सख्त हुआ प्रशासन
समस्तीपुर नगर निगम वार्ड 34 में मेडिकल कचरा के निपटारे को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। डीएम रोशन कुशवाहा ने कचरे के सही उठाव के लिए निर्देश जारी किए हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी...

समस्तीपुर। नगर निगम वार्ड 34 में फैले मेडिकल कचरा के निपटारा को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। इसके सही से उठाव को लेकर डीएम रोशन कुशवाहा ने नर्दिेश जारी किया है। वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बायोमेडिकल कचरे के निपटान को लेकर सख्ती की है। जिला प्रशासन और सिविल सर्जन से रिपोर्ट तलब की है। बोर्ड ने जिले के 700 से अधिक निजी नर्सिंग होम और जांच केंद्रों से बायोमेडिकल कचरे के निपटान के बारे में रिपोर्ट मांगी है, और अगर वे नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोले अभियान के तहत हन्दिुस्तान ने 9 जुलाई को वार्ड 34 में फैले मेडिकल कचरा को लेकर आवाज उठाई थी।
इसके बाद डीएम ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि लोगों को मेडिकल कचरा के सही निपटान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्यकर्मियों को मेडिकल कचरा के सुरक्षित निपटान के लिए प्रशक्षिण दिया गया है। समस्तीपुर में बायोमेडिकल कचरे के उपचार और निपटान के लिए सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। इन प्रयासों से समस्तीपुर में मेडिकल कचरा का सही से उठाव होगा। वहीं निपटारा में सुधार होने की उम्मीद है। वार्ड 34 शहर को वीआईपी इलाका माना जाता है। यहां के मोहल्लों में करीब 15 हजार की आबादी निवास करती है। इस वार्ड में डीएम को छोड़ तमाम बड़े अधिकारियों का सरकारी आवास है। सदर अस्पताल, रेडक्रॉस समेत करीब 300 निजी अस्पताल तथा जांच घर भी हैं। गर्ल्स हाई स्कूल, पुराना वीमेंस कॉलेज समेत कई बड़े कोंचिंग संस्थान भी हैं। विवेक विहार, गर्ल्स हाई स्कूल चौक, हॉस्पिटल रोड, पटेल गोलंबर, पटेल मैदान व स्टेडियम मार्केट, एसपी व जिला सत्र न्यायाधीश, डीएसपी, सदर एसडीओ सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों का आवास के अलावा एससीएसटी थाना, पुराना बस स्टैंड, कचहरी रोड, लखना चौक, भोले साह चौक, ठाकुरबाड़ी रोड, काशीपुर और बारह पत्थर का आधा हस्सिा वार्ड-34 में आता है। बावजूद यहां कई बुनियादी सुविधाओं की कमी है। स्थानीय लोगों ने यहां की समस्याओं को बोले समस्तीपुर के तहत वस्तिार से बताया था। लोगों का कहना था कि बाकी वार्ड में अन्य जगहों पर पूरी सफाई रहती है, जबकि हॉस्पिटल के पीछे मेडिकल कचरा फेंका जाता है। मेडिकल कचरा सार्वजनिक स्थल पर फेंकने की सरकारी मनाही के बाद भी सदर अस्पताल से आसपास के कुछ लोग मेडिकल कचरा डाल देते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इस पर नगर निगम व प्रशासन के लोग रोक नहीं लगाते हैं। जबकि लोगों की शिकायत पर वार्ड पार्षद के स्तर से नगर आयुक्त को कई बार पत्र भी लिखा गया था।
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