कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में पटोरी अनुमंडल के विभिन्न गंगा तटों पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला सोमवार शाम से ही शुरू हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पटोरी अनुमंडल के गंगा तटों पर उमड़ने वाली भीड़ के नियंत्रण, गंगा तटों तक पहुंचने के लिए सुरक्षित यातायात व स्नान के दौरान होने वाली संभावित घटनाओं को टालने के लिए प्रशासनिक तैयारियां की गई हैं।
पटोरी अनुमंडल के तीनों प्रखंडों क्रमश: पटोरी, मोहनपुर एवं मोहिउद्दीननगर का दक्षिणवर्ती क्षेत्र गंगा तट पर अवस्थित है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन अनुमंडल के दर्जनों गंगा घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाते हैं। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं द्वारा धमौन बॉर्डर, रून्नी भूईयां घाट, सरारी घाट, रसलपुर घाट ,जौनापुर घाट, डुमरी घाट, बेरी घाट, महमदीपुर घाट, पतसिया घाट, सुल्तानपुर घाट का उपयोग किया जाता है। इन गंगा घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से घंटों पूर्व से ही श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। इस दिन कई स्थानों पर महिलाओं द्वारा पूरी रात गंगा आराधना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर कई गंगा घाटों की स्थानीय लोगों द्वारा साफ-सफाई की गई है। अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष पटोरी अनुमंडल क्षेत्र से गुजरने वाली गंगा नदी में पानी अधिक है। इसके कारण श्रद्धालुओं के अलावा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी चौकस हैं।
कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व रात्रि से गंगा तट की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बाइक, छोटे वाहन ,साइकिल एवं पैदल गंगा तट तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के कारण सड़कों पर काफी भीड़ जमा हो जाती है। जिससे यातायात घंटों सड़क जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है। इन क्षेत्रों से कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु सुरक्षित घाट की तलाश में विद्यापतिनगर ,बेगूसराय के बछवारा एवं सिमरिया, वैशाली जिले के हसनपुर, लावापुर, पलवैया, महनार, हाजीपुर, पहलेजा घाट जाकर गंगा स्नान करते हैं। इसके कारण सड़क यातायात के साथ-साथ ट्रेनों में भी काफी भीड़-भाड़ नजर आ रही है।