मिट्टी के चूल्हा व जलावन की बिक्री हुई तेज
समस्तीपुर में छठ पर्व के दौरान शुद्धता का विशेष महत्व है। इस पर्व पर खरना के प्रसाद के लिए मिट्टी के चूल्हे का उपयोग किया जाता है, जिसकी कीमत 100 से 200 रुपये है। आम की लकड़ी की भी बिक्री बढ़ी है, जो...
समस्तीपुर। छठ पर्व में शुद्धता का विशेष महत्व माना जाता है और यही कारण है कि अधिकार छठवर्ती खरना का प्रसाद गुड़ का खीर और रोटी तथा अर्ध्य देने के लिए मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनाते हैं। इसको लेकर बाजार में अधिकांश इलाकों में मिट्टी का चूल्हा मिलना शुरू हो गया है। मिट्टी के चूल्हे की कीमत 100 से 200 के बीच है। मिट्टी के चूल्हे पर जलावन के लिए आम की लकड़ी का ही उपयोग किया जाता है। इसलिए बाजार में आम की लकड़ी का भी बाजार सज कर तैयार है। आम की लकड़ी की खरीदारी जोरों पर की जा रही है। आम की लकड़ी 25 से 40 रुपये प्रति किलो तक बिक्री हो रही है। ज्यादा सूखा हुआ लकड़ी अधिक दामों में तो कम सूखा लकड़ी कम दाम में मिल रहे हैं।
जोरों पर है बद्दी और आलता की बिक्री
सूर्य को अर्ध्य देने के लिए सूप पर फल, ठेकुआ के साथ-साथ बद्दी, आलता तथा पान फूल आदि की भी आवश्यक होती है। गरीब से अमीर सभी लोग इस सामान को सूप पर रखते हैं उसकी भी बिक्री जोरों पर है। लगभग सभी स्टॉल पर इसकी बिक्री हो रही है। ज्यादा भीड़ से बचने को लेकर लोग अभी से ही इसकी खरीदारी कर रहे है।
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