समय पर काम पूरा नहीं, संवेदक को सवा करोड़ का जुर्माना
अमृत पेयजल योजना के तहत शहरवासियों को शुद्ध पेयजल समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर विभाग ने संवेदक को सवा करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए राशि की कटौती की...
अमृत पेयजल योजना के तहत शहरवासियों को शुद्ध पेयजल समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर विभाग ने संवेदक को सवा करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए राशि की कटौती की है।
इस काम के लिए नालंदा इंजीकॉन कंपनी को टेंडर दिया गया। वर्ष 2017 में काम शुरू किया गया। संवेदक को 18 महीने में शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाना था। इसके साथ ही पांच वर्षों तक रख-रखाव भी किया जाना है। संवेदक द्वारा काम में लापरवाही बरती गई। इस कारण विभाग ने राशि में कटौती कर दी है। इसके बाद विभाग ने फिर से समय सीमा निर्धारित करते हुए मार्च 2020 तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। पहले शुद्ध पेयजल के लिए बिहार राज्य जल पार्षद द्वारा कार्य शुरू कराया गया था। लेकिन बिहार राज्य जल पार्षद के बुडको में विलय हो जाने से अब इस योजना की देखरेख बुडको द्वारा किया जा रहा है।
लगभग 92 करोड़ की लागत से चल रहा कार्य : बिहार राज्य जल पार्षद से अमृत पेयजल योजना के तहत 92 करोड़ की लागत से शहर के सभी घरों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनी।
अमृत पेयजल योजना का कार्य शुरू होने पर मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना से बनी योजना को भी अमृत पेयजल योजना में जोड़ दिया गया। जिससे अब एक साथ ही सभी वार्डों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। अमृत पेयजल योजना से दो लाख गैलन की छह और पानी टंकी का निर्माण कार्य की योजना है। जिसमें दो पानी टंकी अब भी निर्माणाधीन है। वहीं एक पानी टंकी का काम शुरू नहीं हुआ है।
175 किमी में पहले बिछाई जानी है पाइप : शहर के 40 वार्डों में जमीन के अंदर पाइप बिछाने का काम भी अभी अधूरा है। शहर में 175 किमी पाइप बिछाने की योजना में मात्र 97 किमी में ही पाइप बिछाई गई है।
28369 घरों में कनेक्शन देने का लक्ष्य : शहर के 40 वार्डों के 28369 घरों में कनेक्शन देने का लक्ष्य है। कर्मी के अनुसार अभी तक मात्र 12 हजारों घरों में ही कनेक्शन दिया गया है। विभाग की उदासीनता से शहरवासियों शुद्ध पेयजल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
इन जगहों पर बन रही है पानी टंकी : शहर के डुमरैल, बाबाजी कुटी, कोल्ड स्टोरेज, सहरसा बस्ती में पानी टंकी बन रहा है। वहीं प्रेमलता कॉलेज समीप पावर बुस्टर 50 एचपी से डायरेक्टर पानी की सप्लाई किये जाने का कार्य भी जारी है। वहीं बस्ती में भी जमीन की एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य अधूरा पड़ा है।
अब बुडको की देखरेख में हो रहा है काम: बिहार राज्य जल पार्षद द्वारा कार्य शुरू कराया गया था। लेकिन एक दिसम्बर से बिहार राज्य जल पार्षद का बुडको में विलय हो जाने से अब यह योजना बुडको की देखरेख में किया जा रहा है।