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कब संवरेगी जर्जर संस्कृत हाईस्कूल की सूरत

महिषी | एक संवाददाता संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित महिषी...

कब संवरेगी जर्जर संस्कृत हाईस्कूल की सूरत
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाMon, 08 Feb 2021 03:27 AM
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महिषी | एक संवाददाता

संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित महिषी में संस्कृत हाईस्कूल की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। जर्जर भवन में चल रहे स्कूल में पठन पाठन में काफी परेशानी आती है। वर्तमान शिक्षामंत्री से लोगों को आस है कि उनके द्वारा पूर्व में दिए गए मॉडल स्कूल बनाने के आश्वासन अब शायद पूरा हो जाएगा।

महागठबंधन सरकार के बाद एक बार फिर से एनडीए सरकार में अशोक चौधरी के शिक्षा मंत्री बनने से ग्रामीणों में स्थानीय राजकीयकृत संस्कृत उच्च विद्यालय के भवन निर्माण की आस जगी है। जिला स्कूल स्तरीय इस विद्यालय का विद्यालय भवन पूर्णत: जर्जर हो गया है। वैसे कुछ माह पूर्व सिमरी बख्तियारपुर के तत्कालीन विधायक जफर आलम द्वारा विधायक मद से दो कमरों का भवन दिया गया, जो फिलहाल निर्माणाधीन है।

जर्जर स्कूल में लगभग पढ़ाई है ठप: स्कूल की जर्जरता के कारण स्कूल में नामांकित बच्चों का पठन पाठन लगभग ठप है। इस स्कूल की स्थापना 70 के दशक में की गई थी, जिससमय प्रदेश में मात्र 17 जिले थे। सभी जिलों में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय बनाई गई थी। वर्ष 1990 तक तो स्कूल अबाध गति से चलती रही, लेकिन 90 के दशक में आये राजनीतिक उठा पटक में संस्कृत शिक्षा भी राजनीति की भेंट चढ़ गयी। कुछ वर्ष पूर्व महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहे अशोक चौधरी महिषी तारास्थान पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर स्कूल को मॉडल स्कूल भवन देने सहित शिक्षकों की व्यवस्था करने की घोषणा की थी।

इस घोषणा में उससमय स्थानीय लोगों में एक नई आशा दिखी थी। घोषणा के कुछ ही दिनों बाद शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी, लेकिन भवन निर्माण की घोषणा लोगों के लिए आजतक बस नेताओं के भाषण की बात तक सिमट कर रहने की बात बनकर रह गयी सी जान पड़ती है। दो दशकों से बंद व्यवस्था को प्रतिनियुक्त शिक्षकों ने अपने प्रयास से जागृत करने में लगातार प्रयास कर रहे हैं। अशोक चौधरी के पुन: मंत्री बनने से लोगों में स्कूल की स्थिति में सुधार होने की आस जगी है। क्षेत्रीय लोगों ने स्कूल की जर्जर स्थिति को दूर कर स्कूल में भवन सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।

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