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उमंग व उत्साह साथ मनाई गई विजयादशमी

असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी आशा, उमंग और उत्साह के साथ सम्पन्न हो गया। 17 अक्टूबर शनिवार को कलश स्थापना के साथ शुरू दशहरा पर्व सोमवार को समाप्त हो गया। अलग-अलग दिनों में...

उमंग व उत्साह साथ मनाई गई विजयादशमी
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाWed, 28 Oct 2020 03:25 AM
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असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी आशा, उमंग और उत्साह के साथ सम्पन्न हो गया। 17 अक्टूबर शनिवार को कलश स्थापना के साथ शुरू दशहरा पर्व सोमवार को समाप्त हो गया। अलग-अलग दिनों में आदि शक्ति मां के विभिन्न स्वरूपों की विधि विधान के साथ पूजा हुई ।शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है।

मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं।मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईिशत्व और वशित्व यह 8 सिद्धियां हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा ने भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। कहते हैं कि दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागणम भगवान शिव और प्रभु विष्णु के पास गुहार लगाने गए थे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें मां सिद्धिदात्री के नाम से जाते हैं।

नवमी को हुआ बलि प्रदान :जिले में चहुंओर नवरात्र की धूम मची हुई है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद लोगों में पर्व का उत्साह देखने बन रहा है। शहर से लेकर गांव तक हर और माहौल उल्लासपूर्ण बना हुआ है। इधर नवमी के दिन बलि प्रदान किया गया। कुवांरी कन्याओं को भोजन करा उनकी पूजा की गई।

सत्तर कटैया से ए.सं. के अनुसार दुर्गापूजा का पर्व प्रखण्ड क्षेत्र में भक्तिमय माहौल में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। सोशल क्लब पंचगछिया, बड़ी दुर्गास्थान पटोरी एवं आरण में मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। भगवती स्थान दोरमा, खोनहा, बनदेवी सिहौल एवं बाबा गौरीशंकर स्थान बिहरा में भी इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई। मूर्ति दर्शन, खोंईछा भरने एवं पूजा अर्चना के लिए भक्तों की काफी भीड़ पूजा पंडाल में जुटी।

महुआ बाज़ार से सं.सू. के अनुसार सोमवार को शांतिपूर्ण माहौल में दुर्गा माँ को दी गई विदाई। बसनहीं पुलिस प्रशासन व दुर्गा पूजा समिति शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिमा विसर्जन को लेकर मुस्तैद रहे। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए थाना अध्यक्ष श्वेत कमल अपने दलबल के साथ लगातार गस्त करते रहे । लोगों ने नम अंरखो से माता दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम विदाई दिया। महुआ बाज़ार मे दुर्गा पूजा के अवसर पर दो दिवसीय मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए तथा सरकार के गाइड लाइन के अनुसार किसी भी प्रकार के कार्यक्रम व मनोरंजन या अन्य दुकान को लगाने की अनुमति नहीं दी गयी थी। श्रढालुओ के द्वारा मास्क व सोशल डिस्टेनसिंग नियमो का पालन कराते हुए माता दुर्गा के मंदिर परिसर में पूजा अर्चना किया गया।

मुर्ति विसर्जन में श्रद्धालु हुए नम: नवहट्टा। विजयादशमी पर्व के समापन पर नवहट्टा दुर्गा स्थान मंदिर में बने मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थानीय ठाकुर बाड़ी मंदिर तालाब में विसर्जित किया गया। मंदिर समिति के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने नम आंखों से भगवती का प्रतिमा विसर्जन संपन्न किया। सीओ अबू अफसर एवं थानाध्यक्ष महेश कुमार रजक सहित पूलिस बल मंगलवार को विसर्जन के मौके पर मौजूद रहे।

मनोकामना पूर्ण होने पर दी गयी बलि:बलवाहाट। प्रखंड क्षेत्र के सरोजा में बरसों पुराने परंपरा पर आधारित आज भी मां दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर बलि प्रथा दिया जाता है। नवमी पूजा में करीब 300 से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न क्षेत्रों के इस स्थान पर पहुंच कर बलि का पूजन करवाया। श्रद्धालुओं को मनोकामना पूर्ण होने पर प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा में बली पूजन काम आज भी दिया जाता है। बलवाहाट ओपी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर माँ दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा स्थापित किया गया। प्रखंड के प्रसिद्ध बाबा मटेश्वर स्थान कांठो बलवाहाट मंदिर परिसर में, सरोजा, भोटिया, सोनपुरा, तेघरा एवं मोहनपुर में दस दिवसीय नवरात्र का पूजा भक्तिमय एवं शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया।

सौरबाजार से सं.सू. के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में सोमवार को विसर्जन के दौरान महिलाओं ने लोकगीत गाते हुए माता रानी को नम आंखों से विदाई दी। शांतिपूर्ण ढंग विसर्जन कराने के लिए थानाध्यक्ष दल-बल के साथ मौजूद रहे।

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