ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार सहरसाकॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से लैस होगी ट्रेन, टक्कर से पहले लग जाएगा ब्रेक

कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से लैस होगी ट्रेन, टक्कर से पहले लग जाएगा ब्रेक

ट्रेन हादसे रोकने के लिए पूरे समस्तीपुर रेल मंडल को ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम (टिकेस) से लैस किया जाएगा। भारत में विकसित इस नई तकनीक से दानापुर रेल मंडल के कुछ रेलखंड को भी कवर किया...

कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से लैस होगी ट्रेन, टक्कर से पहले लग जाएगा ब्रेक
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाSun, 12 Jul 2020 11:44 PM
ऐप पर पढ़ें

ट्रेन हादसे रोकने के लिए पूरे समस्तीपुर रेल मंडल को ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम (टिकेस) से लैस किया जाएगा। भारत में विकसित इस नई तकनीक से दानापुर रेल मंडल के कुछ रेलखंड को भी कवर किया जाएगा।

पूर्व मध्य रेल के प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे रोकने के लिए कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से पूरे समस्तीपुर मंडल और दानापुर के कुछ क्षेत्र को लैस करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे बोर्ड ने 1563 किलोमीटर रेलखंड में इस एडवांस सिस्टम को लगाने की स्वीकृति दे दी है।

जल्द ही टेंडर निकालते अगले साल मार्च 2021 तक काम शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के लगने के बाद आमने सामने आ रही ट्रेनों में टक्कर होने से पहले ब्रेक लग जाएगा। विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन के बारे में इंजन में सवार चालक (ड्राइवर) को पता चल जाएगा। ट्रेन के इंजन के अंदर लगे कम्प्यूटर सहित अन्य उपकरण चालक को दुर्घटना की वजह और उसे रोकने के उपाय बताते अलर्ट करते रहेंगे।

पटरी पर लगे डिवाइस से पता चलेगा किस स्पीड से चलाए ट्रेन : ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम के तहत पटरी पर लगा डिवाइस बताएगा कि किस स्पीड से ट्रेन चलाई जाय। संबंधित रेलखंड पर ट्रेन परिचालन के लिए क्या स्पीड (गति) निर्धारित किया गया है। सेक्शन के लिए निर्धारित स्पीड पर ही ट्रेन चलेगी अन्यथा ब्रेक लग जाएगी।

इंजन के अंदर ही दिखेगा सिग्नल : नवीनतम तकनीक का खासियत यह रहेगा कि ट्रेन के इंजन के अंदर ही चालक को सिग्नल नजर आएगा। प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर (पीसीएसटीई) ने कहा कि अभी चालक को सिग्नल इंजन के बाहर दिखता है। ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स जैसे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम लगने के बाद चालक को इंजन के अंदर सिग्नल दिखाई देगा। सिग्नल के जरिए रूट का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का ईजाद भारत में किया गया है। यह स्वदेशी तकनीक है।

साढ़े चार सौ करोड़ राशि हुई स्वीकृत : 1563 किमी रेलखंड को ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से लैस करने के लिए रेलवे बोर्ड ने साढ़े चार सौ करोड़ राशि स्वीकृत की है। ईसीआर के पीसीओएम ने कहा कि ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम बड़ी परियोजना है। इसे पूरा होने में तीन से चार साल का समय लगेगा।

कोसी-सीमांचल और खगड़िया जिले भी होंगे लाभान्वित : ट्रेन कॉलिजन एवाउंडेन्स सिस्टम से लैस करने का काम कोसी-सीमांचल और खगड़िया जिले के रेलखंडों में भी होगा। समस्तीपुर मंडल के तहत सहरसा-मानसी-समस्तीपुर, सहरसा-पूर्णिया कोर्ट, सहरसा-सुपौल-सरायगढ़-निर्मली-राघोपुर-फारबिसगंज, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर सहित अन्य रेलखंड आते हैं। हादसे रुकने के बाद यात्री बिना किसी भय के सुरक्षित सफर कर पाएंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें