कड़ाके की ठंड से जनजीवन हो रहा प्रभावित
ठंड व शीतलहर से आम जनजीवन पूरी तरह बेहाल हो गया है। ठंड का असर इंसान के बाद अब भगवान पर भी पड़ने लगा है। मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं को ठंढ से बचाने के लिए रजाई और कंबल से ढक कर शीतलहर के असर से...
ठंड व शीतलहर से आम जनजीवन पूरी तरह बेहाल हो गया है। ठंड का असर इंसान के बाद अब भगवान पर भी पड़ने लगा है। मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं को ठंढ से बचाने के लिए रजाई और कंबल से ढक कर शीतलहर के असर से बचाया जा रहा है।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि आम जनजीवन ठंढ से प्रभावित हो गया है। जहां आम लोग ठंढ से बचने की कवायद कर रहे हैं। वैसे ही देवी-देवताओं को भी ठंढ से राहत देने की कोशिश की जा रही है।जिले के बनगांव स्थित मां काली मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा को भी कंबल ओढ़ाकर ठंढ से बचाने की कोशिश की जा रही है। शीतलहर बढते ही यह काम शुरू हो गया था। शाम की आरती के बाद मां काली को कंबल ओढ़ाया जाता है और सुबह होने के बाद हटा कर साफ-सफाई व सुबह की आरती व अराधना शुरू होती है।मंदिर के पुजारी का कहना है कि हर साल जब ठंढ का असर ज्यादा बढ़ता है तो कंबल या ऊनी कपड़े पहनाया जाता है। जिससे की सर्दी से बचाव हो सके।
क्या है मान्यता : धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर में देवी-देवता की प्रतिमा स्थापित करने की प्रक्रिया उसकी प्राण प्रतिष्ठा से की जाती है तो उस प्रतिमा में प्राण बसते हैं। इसलिए भगवान के स्नान, भोग, विश्राम, शयन सहित सभी दिनचर्या हमारी पूजन व्यवस्था में शामिल रहती है। इसी तरह जब अधिक सर्दी पड़ती है, तो भगवान को ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनाते हैं ताकि प्रतिमा को सर्दी न लगे।
आज भी रहा न्यूनतम छह डिग्री तापमान: शनिवार को भी ठंड का असर कम नहीं रहा। न्यूनतम तापमान जहां 6 डिग्री रहा वहीं अधिकतम 19 डिग्री रहा। हालांकि दोपहर में धूप खिली।