कामकाजी हैं व अकेली भी...रहने की चिंता न करें
सहरसा, निज प्रतिनिधि। जिले से बाहर की कामकाजी एकल महिलाओं को अब रहने(आवासन) की

सहरसा, निज प्रतिनिधि। जिले से बाहर की कामकाजी एकल महिलाओं को अब रहने(आवासन) की टेंशन नहीं होगी। सखी निवास में उन्हें जरूरत मुताबिक तीन साल तक रहने की सुविधा मिलेगी। साथ में 12 साल तक का बेटा और 18 साल तक की बेटी को रखने की भी सुविधा मिलेगी। सखी निवास का संचालन महिला एवं बाल विकास निगम करेगा। महिला एवं बाल विकास निगम की डीपीएम काजल चौरसिया ने कहा कि 35 हजार रुपए से कम आय वाली जिले से बाहर की कामकाजी एकल महिला को सखी निवास में सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें रहने के लिए हॉस्टल के रूप में एक तरह का आवास उपलब्ध कराया जाएगा। 25 से 30 बेड की सुविधा सखी निवास में उपलब्ध रहेगी। 50 बेड का खुलेगा शक्ति सदन: किराए के भवन में 50 बेड का शक्ति सदन खुलेगा। जो एक हजार वर्गमीटर में रहेगा। डीएम वैभव चौधरी के निर्देश पर मंगलवार को डीडीसी संजय कुमार निराला की अध्यक्षता में हुई मिशन शक्ति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिसमें संकटग्रस्त और ट्रैफिकिंग से प्रभावित महिलाओं को रखा जाएगा। यह संकटग्रस्त और ट्रैफिकिंग से प्रभावित महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देते पुनर्वास केन्द्र के रूप में काम करेगी। यहां रखी गई महिलाओं को तीन साल तक आश्रय के साथ-साथ भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। बैंक खाता से संबंधित वित्तीय सहायता, व्यवसायिक प्रशिक्षण, मानसिक परामर्श, कानूनी सहायता व दैनिक सुविधाएं दी जाएगी। जिला बाल विकास पदाधिकारी आईसीडीएस,डीपीएम महिला एवं बाल विकास निगम काजल चौरसिया, डीपीएम डीआरसीसी राजीव रंजन सहित अन्य थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।