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सहरसा : मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट निर्माण को सर्वे

सहरसा | निज प्रतिनिधि शहर के पूर्वी रेलवे कॉलोनी में रेलकर्मियों और निजी लोगों...

सहरसा : मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट निर्माण को सर्वे
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाThu, 22 Jul 2021 09:50 PM
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सहरसा | निज प्रतिनिधि

शहर के पूर्वी रेलवे कॉलोनी में रेलकर्मियों और निजी लोगों के लिए होने वाले मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट निर्माण के लिए सर्वे करने पटना से टीम पहुंची। दिल्ली की डिजाइन हॉरिजन ने पूर्वी रेलवे कॉलोनी में सर्वे करने के लिए पटना से प्रसमेय एसोसिएट के सर्वेयर को भेजा था।

सर्वेयर में शामिल दीपू कुमार और हिमांशु कुमार ने 17 से 21 जुलाई तक लगातार पांच दिनों तक सर्वे किया। सर्वे के दौरान मशीन में पूर्वी रेलवे कॉलोनी के उन 239 क्वार्टरों को कैद किया जिसे तोड़कर मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनना है। सर्वेयर ने बिजली पोल कहां है, पेड़ कहां-कहां है और छोटे है या बड़े उसका भी आंकलन करते उसे भी मशीन में कैद किया। वहीं पूर्वी रेलवे कॉलोनी में स्थित रेल हेल्थ यूनिट, ऑफिस कहां कहां है उसे भी लोकेट किया। वहीं बंगाली बाजार ढाला मुख्य सड़क का भी मशीन से सर्वेक्षण किया। सहायक मंडल अभियंता मनोज कुमार के मार्गदर्शन में सर्वे कर सर्वेयर टीम वापस पटना लौट गई। सर्वेयर ने बताया कि सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। किए गए सर्वे से संबंधित सभी जानकारियों को डिजाइन हॉरिजन दिल्ली को भेज दिया गया है। अब डिजाइन हॉरिजन के आर्किटेक्ट नक्शा बनाएंगे। उल्लेखनीय है कि रेल भूमि विकास प्राधिकरण नई दिल्ली ने डिजाइन हॉरिजन को पूर्वी रेलवे कॉलोनी का सर्वे करते हुए नक्शा तैयार करने की जवाबदेही दी है। तैयार नक्शा के मुताबिक रेलकर्मियों और निजी लोगों के लिए मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट किधर बनाए जाय उसका पता चलेगा। शापिंग हॉल, मॉल सहित अन्य चीजें कहां रहेगी उसका भी पता चलेगा।

क्या है प्लान : सहरसा, कटिहार, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, गया, धनबाद सहित सात रेलवे कॉलोनियों में रेलकर्मियों और निजी लोगों के रहने के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। पूर्वी रेलवे कॉलोनी की 239 क्वार्टर को तोड़कर करीब एक चौथाई जमीन पर रेलकर्मियों के लिए मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। तीन चौथाई बची जमीन पर मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाकर 99 साल के लिए लीज पर निजी लोगों को दिया जाएगा। अपार्टमेंट बनाने वाले डवलपर यानी कंपनी को तीन साल तक रेलकर्मियों के आवास का मुफ्त मेंटेनेंस करना होगा। तीन साल के बाद मेंटेनेंस रेलवे करेगी। वहीं निजी लोगों के आवास का मेंटेनेंस सोसायटी करेगी। निजी लोगों को अपार्टमेंट बेचने में मिले मुनाफे में रेलवे का भी हिस्सा होगा। पीपीपी मोड(पब्लिक प्रायवेट पार्टिसिपेट) के तहत रेलवे कॉलोनियों के पुनर्विकास और रेलवे की बेकार पड़ी जमीन के व्यवसायिक उपयोग में लाने के लिए रेलवे ने यह व्यवस्था शुरू की है।कार्य की जिम्मेदारी आरएलडीए (रेल भूमि विकास प्राधिकरण) नई दिल्ली को दी है। रेलवे स्टेशन से नजदीक वाली जगह पर रेलकर्मियों के अपार्टमेंट बनाए जाएंगे।

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