सहरसा में एनएमसी बिल पास होने के विरोध में चिकित्सकों का हड़ताल
लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 पास होने के विरोध में आईएमए के देशव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को जिले के सभी सरकारी व निजी क्लिनिकों में ताला लटका रहा। बुधवार की सुबह छह बजे शुरू हुई 24 घंटे...
लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 पास होने के विरोध में आईएमए के देशव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को जिले के सभी सरकारी व निजी क्लिनिकों में ताला लटका रहा। बुधवार की सुबह छह बजे शुरू हुई 24 घंटे के हड़ताल के दौरान सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी व निजी क्लिनिक में ओपीडी सेवा ठप रही। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर दूरदराज के इलाकों से आए मरीजों को ज्यादा परेशानी हुई। उन्हें बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा। हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवा जारी रखने के कारण मरीजों को राहत मिली। आईएमए ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के जगह नेशनल मेडिकल कमीशन बिल बनाने के विरोध में मंगलवार को 24 घंटे के हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था। जिसके बाद बुधवार की सुबह छह बजे से सभी चिकित्सक हड़ताल पर चले गए। यह हड़ताल गुरुवार की सुबह छह बजे तक जारी रहेगा। जिस दौरान अन्य सेवाओं को छोड़कर ओपीडी बंद कर बिल का विरोध किया जाएगा।आईएमए द्वारा पिछले वर्ष भी जुलाई महीने में केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए एनएमसी बिल के विरोध में धिक्कार दिवस मनाते हुए सरकारी व निजी क्लिनिक में ओपीडी सेवा बंद रखा था।
आईएमए की हुई बैठक: एनएमसी बिल के विरोध में बुधवार को आईएमए भवन में चिकित्सकों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में आईएमए ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। चिकित्सकों ने कहा कि बिल में कई आपत्तिजनक पहलू है। जिसमें गैर चिकित्सकों को साधारण प्रशिक्षण देकर मरीजों के इलाज करने का अधिकार देना, पोस्ट गे्रजुएट में एडमिशन के लिए एक एग्जिट परीक्षा का प्रावधान और नीट की उपयोगिता को खत्म करना है। आईएमए ने बिल का विरोध करते हुए इसमें सुधार करने की मांग केन्द्र सरकार से की है। बैठक में आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ केसी झा, सचिव डॉ शिलेन्द्र कुमार, डॉ गोपाल शरण सिंह, डॉ एस एन चौधरी, डॉ एसपी सिंह, डॉ अबुल कलाम, डा. अवनीश कर्ण, डॉ भुवन सिंह, डॉ केके झा, डॉ ब्रजेश कुमार सिंह, डॉ जितेन्द्र सिंह, डॉ आईडी सिंह, डॉ एसके गुप्ता, डॉ विजेन्द्र देव, डॉ विजय शंकर, डॉ गणेश कुमार, डॉ जयंत आशीष, डॉ ओमप्रकाश, डॉ केएस गुप्ता, डा. संजय गुप्ता, डा. आर. आर. सिंह, सहित अन्य मौजूद थे।
क्या है एनएमसी बिल: अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी। लेकिन बिल पास होने के बाद एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा। बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है। जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।