सहरसा जिले के पुलिस वाहन हुए जीपीएस से लैस
आम लोगों को पुलिस से अक्सर शिकायत रहती है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस सही समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाते हैं। जबकि पुलिस पदाधिकारी अपने वरीय अधिकारियों को सही समय पर घटनास्थल पर पहुंच जाने की...
आम लोगों को पुलिस से अक्सर शिकायत रहती है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस सही समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाते हैं। जबकि पुलिस पदाधिकारी अपने वरीय अधिकारियों को सही समय पर घटनास्थल पर पहुंच जाने की रिपोर्ट करते हैं। लेकिन अब न सिर्फ आम जनता की शिकायत दूर होगी बल्कि गश्ती लापरवाही भी नहीं बरती जा सकती है।पुलिस व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए जिले के विभिन्न थानों, ओपी व पुलिस शिविर की वाहनों में जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया है। इसके अलावा सदर थाना के पैंथर जवानों के वाहनों को भी जीपीएस सिस्टम से लैस कर दिया गया है।जीपीएस सिस्टम लग जाने से गश्ती में लापरवाही नहीं हो पाएगी और गश्ती में तेजी आएगी। पुलिस के वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लग जाने के बाद पुलिस पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष कहां ड्यूटी में तैनात है। इसकी जानकारी मोबाइल ट्रैकिग सिस्टम पर मिलता रहेगा।कोई पुलिस अधिकारी या थानाध्यक्ष ड्यूटी में उपस्थित रहने की गलत रिपोर्ट नहीं कर सकते हैं। जीपीएस लगे वाहन किस समय कहां मौजूद है,इसकी जानकारी एसपी व कंट्रोल रूम के को ट्रैकिग के जरिये मिलती रहेगी। जीपीएस सिस्टम लागू होने से वाहनों के लोकेशन की अद्यतन जानकारी वरीय पदाधिकारियों को होती रहेगी। इससे आवश्यकतानुसार किसी भी घटना स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजने या मौके पर गए वाहन को कार्य होने के बाद तत्काल वापस लौटने का निर्देश दिया जा सकेगा। इससे कार्य की गति बढ़ेगी। साथ ही अनुसंधान के क्रम में क्षेत्र में जाने वाले पदाधिकारियों की गतिविधियों की जानकारी भी उपलब्ध होती रहेगी। ऐसे में लापरवाह पुलिस कर्मियों व पदाधिकारियों की पहचान शीघ्र हो जाएगी। पुलिस वाहनों में जीपीएस लगाने का निर्देश राज्य मुख्यालय की ओर से जारी किया गया था। राज्य मुख्यालय के निर्देश पर एसपी राकेश कुमार के निर्देश पर ने विभिन्न थाना, ओपी व पुलिस शिविर के 40 वाहनों और सदर थाना में पदस्थापित पैंथर जवानों के पांच बाइक में जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया है। कुछ महीने पूर्व ही पुलिस मुख्यालय से सदर थाना सहित अन्य थाना, ओपी, शिविर में 20 नए सूमो वाहन, जिप्सी सहित चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया था।