दो साल में दो किमी भी नहीं बन पायी सड़क
सिमरी बख्तियारपुर, एक प्रतिनिधि। महेशखुट से सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया से जोड़ने वाला...
सिमरी बख्तियारपुर, एक प्रतिनिधि। महेशखुट से सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 107 में निर्माण कार्य की गति बेहद धीमी है। आधा किलोमीटर सड़क बनाने में एक माह बीत रहा है।
काम में शिथिलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में ही रोड के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ था और 2022 जून तक 88 किलोमीटर में अभी तक महज 12 फीसदी यानी करीब दस किमी सड़क ही बन पायी है। निर्माण की रफ्तार को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आरओबी, फ्लाई ओवर और बायपास के निर्माण होने तक वर्षों की बजाय कहीं दशक न बीत जाए।
बिहार में चार जिले को जोड़ने वाली एनएच-107 महेशखूंट-सहरसा-मधेपुरा-पूर्णिया तक करीब 178 किमी की लंबाई में दो लेन सड़क का निर्माण कार्य काफी बिलंब से हो रहा है। यह सड़क खगड़िया, सहरसा व मधेपुरा के रास्ते पूर्णिया जिले को जोड़ने वाली कोसी क्षेत्र की लाइफ लाइन मानी जाती है। फिलहाल इस सड़क का निर्माण पूरा होने में पहले ही दो साल का विलंब हो चुका है। सड़क के आधे अधूरे निर्माण, गांव टोला में गढ़ा करके छोड़ देने से आसपास के ग्रामीण खासे अक्रोश है। यही कारण है कई बार ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य में लगे जीडीसीएल कंपनी के खिलाफ सड़क भी जाम कर प्रदर्शन किया है।
14 अक्तूबर 17 को पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सड़क का शिलान्यास 14 अक्तूबर, 2017 को किया था। सूत्रों के अनुसार इस सड़क का निर्माण दो चरण में पूरा किया जाना है। इसके लिए दो अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी दी गयी है। पहले चरण में मधेपुरा से पूर्णिया के बीच करीब 88 किमी सड़क निर्माण के लिए 736 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इसकी जिम्मेदारी गैमन इंडिया को दी गयी है।
वहीं, दूसरे चरण में महेशखूंट से मधेपुरा तक करीब 90 किमी लंबाई में सड़क निर्माण के लिए 644 करोड़ की लागत का अनुमान है। इसकी जिम्मेदारी जीडीसीएल कंपनी को दी गयी है। इस सड़क के निर्माण में विलंब होने की वजह वृक्ष कटाई, भूमि अधिग्रहण, बारिश व कोरोना बताया जा रहा है।
जीडीसीएल ने राजकेशरी को दिया निर्माण का जिम्मा: जीडीसीएल कंपनी ने राजकेशरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सड़क निर्माण कार्य का जिम्मा दिया है। बताया जाता है इस कंपनी के पास संसाधन की भारी कमी है। जिन कारण सड़क निर्माण कार्य में काफी बिलंब हो रहा है। कही 200 मीटर एक भाग कालीकरन कर दिया है तो कही अभी तक मिट्टी देने का भी कार्य शुरू नही हुआ है। सड़क पर प्रतिदिन उड़ रही धूल के कारण लोग परेशान है। उड़ती धूल से परेशान लोगो ने दो बार भटपुरा गांव में तो एक बार रंगीनिया में सड़क तक जाम कर दिया है। बावजूद सड़क निर्माण काफी बिलंब से चल रहा है।
