रेल अधिकारियों को सहरसा में रहने का नहीं रहेगा टेंशन
तबादला होकर सहरसा पहुंचे रेल अधिकारियों को रहने का टेंशन नहीं रहेगा। स्थानांतरित अधिकारियों के रहने के लिए शहर के पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में ट्रांजिट एकोडमेशन भवन...
तबादला होकर सहरसा पहुंचे रेल अधिकारियों को रहने का टेंशन नहीं रहेगा। स्थानांतरित अधिकारियों के रहने के लिए शहर के पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में ट्रांजिट एकोडमेशन भवन बनेगा।
समस्तीपुर मंडल के डीआरएम अशोक माहेश्वरी के निर्देश पर बनने वाले चार यूनिट के ट्रांजिट एकोडमेशन भवन निर्माण के लिए पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में एडीईएन मनोज कुमार ने जमीन चिन्हित कर दिया है। भवन का निर्माण कार्य पावरग्रिड इंडिया कारपोरेशन लि.(पीजीआइसीएल) कराएगी।
भवन निर्माण कार्य जल्द शुरू होकर तेजी से पूरा हो इसकी जिम्मेदारी डीआरएम ने एडीईएन को दी है। बीते शुक्रवार को एडीईएन ने पीजीआइसीएल के मुख्य प्रबंधक के साथ कार्यस्थल का जायजा लिया।पीजीआइसीएल के मुख्य प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि टाइप टू का पांच, टाइपचार का तीन और टाइप तीन के बदले ट्रांजिट एकोडमेशन भवन बनेगा। मार्च में ही भवन निर्माण शुरू करते जून में निर्माण पूरा करने की योजना है।
पीजीआइसीएल के अधिकारियों और कर्मियों के रहने का बनेगा क्वार्टर : पीजीआइसीएल के अधिकारियों और कर्मियों के रहने के लिए पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में लोको रनिंग रूम से सामने समीप वाले हिस्से में क्वार्टर बनेगा। आवासीय क्वार्टर दो तरह का बनेगा। पांच यूनिट टाईप दो क्वार्टर, बरामदा सहित अन्य सुविधाओं वाला कर्मचारियों के रहने के लिए बनेगा। चार या तीन यूनिट टाईप वाला अधिकारियों के लिए क्वार्टर बनेगा। जिसमें तीन कमरा, हॉल सहित अन्य सुविधाएं रहेगी।
भविष्य में ट्रैक विस्तार को लेकर छोड़ रखी गई जमीन : सहायक मंडल अभियंता मनोज कुमार ने भविष्य में सहरसा स्टेशन पर रेलवे ट्रैक के विस्तार को लेकर जमीन छोड़ रखी है। स्टेबलिंग लाइन बनाने की सोच के साथ 30 मीटर जगह छोड़ी गई है। दुर्गा मंदिर के आगे दस मीटर जमीन पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए छोड़ी जाएगी। जिससे पूजन में कोई परेशानी नहीं हो।