एलएचबी कोच के साथ चली पुरबिया एक्सप्रेस
सहरसा-आनंद विहार पुरबिया एक्सप्रेस रविवार को नए और पुराने एलएचबी कोच के साथ पहली बार सज-धज कर चली। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एलएचबी कोच को देखने सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर लोगों की भीड़...
सहरसा-आनंद विहार पुरबिया एक्सप्रेस रविवार को नए और पुराने एलएचबी कोच के साथ पहली बार सज-धज कर चली। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एलएचबी कोच को देखने सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर लोगों की भीड़ लगी रही।
ट्रेन में 22 एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 198 हो गयी। हालांकि आधे से अधिक पुराने कोच में सफर करने का मलाल रह गया। आईसीएफ कोच की तुलना में एलएचबी कोच लगने के बाद अब पुरबिया ट्रेन के टू टायर एसी में चार, थ्री एसी में 48, स्लीपर में 96 और अनारक्षित कोच में 50 सीटें बढ़ गयी हैं।
नारियल फोड़ ट्रेन को किया रवाना : ट्रेन को समस्तीपुर के सहायक मंडल यांत्रिक इंजीनियर राजीव कुमार सिंह की मौजूदगी में नारियल फोड़ कर एडीएमई केके शंकर ने रवाना किया। सीडब्लूएस शंभु कुमार ने मिठाई बांटी। मौके पर स्टेशन अधीक्षक अरुण कुमार, डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव, टीआई दिनेश कुमार, एसएसई कृष्ण कुमार कृष्ण, विद्युत फोरमैन मनोज कुमार, जेई टीआरडी एमके सिन्हा, सीएचएआई पुष्पक कुमार, इंस्पेक्टर सारनाथ, थानाध्यक्ष मो. मोजम्मिल सहित अन्य थे।
सफर करने वाले यात्री थे खुश : दिल्ली जा रहे कृषि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि एलएचबी कोच काफी बेहतर है। लखनऊ जा रही माला ने कहा कि कोच में बैठकर ही अच्छा अनुभव हो रहा है। गोरखपुर जा रहे मो. शमीम ने कहा कि रेल प्रशासन को पुरबिया में सभी नया कोच लगाना चाहिए था।
सुरक्षित है एलएचबी कोच : सिल्वर और लाल रंग का एलएचबी कोच होता है, जिसमें दुर्घटना की कम संभावना रहती है। इसे तेज गति वाले ट्रेन के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होता है जिससे कोच आसानी से पटरी से नहीं उतर पाता। एयर कंडीशनिंग सिस्टम कोच के तापमान को नियंत्रित करता है।