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मरीजों को मिलेगी डायलिसिस की सुविधा

कोरोना संकट काल में जिलेवासियों के लिए अच्छी खबर आई है। सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की सुविधा बहाल होगी। जिससे किडनी के मरीजों को सुविधा मिलेगी। निजी क्लीनिक में एक बार डायलिसिस कराने से तीन से...

मरीजों को मिलेगी डायलिसिस की सुविधा
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाSat, 10 Oct 2020 03:36 AM
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कोरोना संकट काल में जिलेवासियों के लिए अच्छी खबर आई है। सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की सुविधा बहाल होगी। जिससे किडनी के मरीजों को सुविधा मिलेगी। निजी क्लीनिक में एक बार डायलिसिस कराने से तीन से चार हजार से अधिक चार्ज लगता है। लेकिन अब सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट लगने से कम राशि में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। सदर अस्पताल में पीपीपी मोड के तहत लगने वाली डायलिसिस मशीनें आरओ स्थापित करने के लिए रूम की तलाश की जा रही है।

राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा डायलिसिस यूनिट लगाने वाले संवेदक का भी चयन कर लिया गया है। संवेदक के कर्मी द्वारा आरओ स्थापित किए जाने को लेकर सदर अस्पताल का निरीक्षण कर चुके है। आईसीयू के बगल स्थित रूम में डायलिसिस मशीन लगाने को लेकर चयन किया गया है। अस्पताल कर्मी के अनुसार डायलिसिस सुविधा शुरू होने पर मरीजों को मोटी रकम खर्च नहीं करने पड़ेगी।

अभी पांच बेड के सेंटर की योजना : जानकारी अनुसार अस्पताल में फिलहाल 5 बेड के डायलिसिस सेंटर संचालन की योजना है। जिससे हर दिन मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा। अस्पताल कर्मी के अनुसार अभी डायलिसिस सुविधा मरीजों के शुल्क तय नहीं किया गया है। लेकिन स्वास्थ्य समिति के द्वारा निर्धारित दर पर पर ही मरीजों को सुविधा मिलेगी। डायलिसिस यूनिट लगने के बाद अस्पताल में इसके लिए एक कमेटी गठित भी किया। जो तय करेगी किस मरीज को कितने दिन डायलिसिस की जरूरत है। इसके अलावा बीपीएल मरीजों को यह डायलिसिस की सुविधा नि:शुल्क मिलेगी।

डायलिसिस मशीन संचालन का जिम्मा : सदर अस्पताल में डायलिसिस मशीन के संचालक की जिम्मा बंगलौर के मेसस्ॉ अपोलो सर्विसेज को दिया गया है। कंपनी के कर्मी के अनुसार जल्द ही डायलिसिस मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

95 प्रतिशत किडनी डैमेज होने पर होता डायलिसिस : डायलिसिस किडनी पेशेंट के लिए अस्थाी इलाज है। एक बार के डायलिसिस पर तीन से साढ़े तीन हजार रुपए तक प्राइवेट अस्पताल संचालक लेते हैं। कई बार मरीज को महीने में 10 से 15 डायलिसिस करवाना पड़ता है यानी हर महीने 30 से 45 हजार रुपए का खर्च आता है। 95 प्रतिशत किडनी डैमेज होने पर डायलिसिस कराना ही पड़ता है।

सीटी स्कैन मशीन लगाने की योजना अधर में : सदर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाने की योजना भी बनाई गई थी। राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा इसके लिए निर्देश भी जारी किया गया था। लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीटी स्कैन की सुविधा जिले के मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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