बसों में क्षमता से दोगुना भरे जाते हैं यात्री
एक तो जर्जर सड़क और दूसरा छतों तक ठूंसे यात्रियों से भरी बस के धड़ल्ले परिचालन से स्थिति भयावह नजर आती है। आए दिनों पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से मजदूर तबके के लोग धान रोप कर वापस घर...
एक तो जर्जर सड़क और दूसरा छतों तक ठूंसे यात्रियों से भरी बस के धड़ल्ले परिचालन से स्थिति भयावह नजर आती है। आए दिनों पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से मजदूर तबके के लोग धान रोप कर वापस घर आ गए। इसका सीधा फायदा बस संचालक को हो रहा है। एक तो एनएच 107 की हालत भयानक खराब है दूसरी और बस के अंदर और छत पर ऊपर पूरी तरह मजदूर तबके के यात्रियों को ठूंस दिया जाता है और मनमाना भाड़ा वसूला जाता है।
बस संचालकों, ड्राइवर व खलासी को मालूम है कि सड़क की हालत इतनी खराब है। अगर सवारी छत के ऊपर बैठ जाएंगे तो कहीं गाड़ी पलट भी सकती है या अगर कोई एक सवारी ऊपर से ही गिर गया तो लेने के देने पड़ सकते हैं। फिर भी बिना किसी परवाह के बस स्टैंड में किरानी अपने कमीशन के चलते बस में यात्रियों को जैसे-तैसे बैठाते हैं और खड़े कर यात्रा करवाते हैं।
प्रशासन भी है बेपरवाह: इन दिनों लगातार हर एक थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग अभियान लगाया जाता है अगर किसी मोटरसाइकिल पर बिना हेलमेट या 3 आदमियों को देख लेते हैं तो वहां सीधा चालान काटते हुए गाड़ी को थाना में लगा देते लेकिन एनएच 107 पर दिन रात छोटी सवारी गाड़ी या बस सवारी गाड़ी में गाड़ी में सीट से ज्यादा लोगों को बैठाया जाता है। लोगों को गाड़ी में ठूंस ठूंस कर पहले तो अंदर में खड़ा करवा दिया जाता है और फिर छत के ऊपर भी करीब दर्जनों लोगों को बैठा दिया जाता है लेकिन इन पर कोई चलान नहीं कटता है ।
प्रशासन की ध्यान नहीं जा रही है अगर प्रशासन सतर्क नहीं हुआ तो जर्जर एनएच 107 पर कभी भी भयानक घटना हो सकती है । जिसकी चपेट में आकर कई यात्री जख्मी हो सकते हैं। लोगों का कहना है एक तो सड़क जर्जर है जिसपर आवाजाही मुश्किल होती है। उसपर ओवरलोडेड बस चलाना निहायत खतरनाक है।