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मत्स्यगंधा झील की जल्द लौटेगी रौनक

शहर स्थित मत्स्यगंधा झील की जल्द ही रौनक लौटने वाली है। जलस्तर के घटने से झील सूख चुकी है। इस कारण मोटरबोट चलना बंद है। लोग सूखी झील की ओर आना नहीं...

मत्स्यगंधा झील की जल्द लौटेगी रौनक
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाSun, 08 Sep 2019 10:05 PM
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शहर स्थित मत्स्यगंधा झील की जल्द ही रौनक लौटने वाली है। जलस्तर के घटने से झील सूख चुकी है। इस कारण मोटरबोट चलना बंद है। लोग सूखी झील की ओर आना नहीं चाहते।

जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत प्रधान सचिव ने मत्स्यगंधा झील में जलस्रोत के लिए झील की खुदाई की योजना बनाने का निर्देश दिया है। डीएम की अनुशंसा पर प्रधान सचिव का निर्देश मिलते ही लघु सिंचाई विभाग ने झील की खुदाई के लिए प्राक्कलन बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही टेंडर होगा और कार्य शुरू किया जाएगा।

मिट्टी कटाई होने के कारण वर्षों से पर्यटन के रूप में विकसित हो चुकी मत्स्यगंधा झील अपनी पुरानी रौनक को लौटाने में सक्षम होगी। मत्स्यगंधा झील को जीवंत करने के लिए विभाग व प्रशासन की यह योजना पर्यटन के लिए हितकारी साबित हो सकती है।

पांच फीट काटी जाएगी मिट्टी: मत्स्यगंधा झील को गहरा करने के लिए पांच से छह फीट मिट्टी की कटाई की जाएगी। लगभग आठ करोड़ की लागत से इस कार्य को किया जाएगा। हालांकि अभी चार करोड़ की ही योजना पर विचार किया गया है। लेकिन लघु सिंचाई विभाग के अभियंता के अनुसार झील लंबी-चौड़ी होने के कारण इसका स्टीमेट तकरीबन सात से आठ करोड़ तक होगा। प्राक्कलन बनाने पर काम अभी चल रहा है।

मिट्टी पावरग्रिड को देकर ली जाएगी राशि : झील की मिट्टी को भी जगह लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मिट्टी पावरग्रिड को देकर इसका जो मूल्य होगा वह पावरग्रिड से लेकर विभाग में जमा किया जाएगा। इसको लेकर अधिकारियों व पावरग्रिड कंपनी से वार्ता चल रही है। मिट्टी से राजस्व की प्राप्ति होगी।

इससे पूर्व भी मिट्टी काटने की बनी थी योजना : इस झील से मिट्टी काटने की पूर्व में भी योजना बनाई गई थी। सिहौल के समीप निर्माणाधीन पावरग्रिड की गहरी जमीन की भराई के लिए मिट्टी की मांग रखी गई थी। पावरग्रिड द्वारा मिट्टी की मांग पर जिला प्रशासन द्वारा झील से मिट्टी काटने की अनुमति दी गई। लगभग 50 लाख रुपए में पूरे मत्स्यगंधा झील की 3 फीट गहराई तक की मिट्टी काटने का समझौता हुआ। इसके बाद पावरग्रिड द्वारा सूखी मत्स्यगंधा झील से हाईवा से मिट्टी कटाई भी शुरू की गयी लेकिन फिर बंद कर दिया गया।

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