Mahishi A Perfect Destination for New Year Celebrations with Temples and Picnic Spots नए साल की शुरुआत के लिए महिषी अनुपम स्थल, Saharsa Hindi News - Hindustan
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नए साल की शुरुआत के लिए महिषी अनुपम स्थल

महिषी नए साल की खुशियों के लिए एक अद्वितीय स्थान है, जहां धार्मिक स्थलों के साथ रमणीक पिकनिक स्पॉट भी हैं। यहां उग्रतारास्थान, बाबा कारु मंदिर और सूर्य मंदिर जैसे मंदिर हैं। कोसी नदी का बालूमय...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाMon, 30 Dec 2024 12:43 AM
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नए साल की शुरुआत के लिए महिषी अनुपम स्थल

महिषी, एक संवाददाता। नए साल की खुशियां माननेवालों के लिए महिषी एक अनुपम स्थान भेंट स्वरूप माना जाता है। यहां नये साल की खुशियां मनाने के लिए एक पिटारा है, जहां धर्मस्थलियों के साथ पिकनिक स्पॉट के लिए भी कई रमणीक स्थल उपलब्ध है। यहां एक ओर जहां महिषी में सिद्धपीठ उग्रतारास्थान, महपुरा में बाबा कारु मंदिर, कन्दाहा में सूर्य मंदिर, नाकुच में बाबा नकुलेश्वर महादेव मंदिर जैसे धर्मस्थली के साथ महामीमांसक मण्डन- भारती तथा स्व. राजकमल की जन्मभूमि है, वहीं कोसी नदी पर बना महासेतु सहित कोसी नदी का बालूमय रेगिस्तानी मैदान पिकनिक के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है। नये साल की पहली तारीख को अहले सुबह से ही लोगों की टोलियां यहां पहुंचने लगती है। देर शाम तक आने वाले लोगों के आवश्यक सहयोग के लिए पुलिस प्रशासन सहित ग्रामीण युवक तैयार रहते हैं। तंत्र साधना के केन्द्र बिन्दु के रूप में चर्चित महामुनि वशिष्ठ की आराधिता उग्रतारा इच्छित मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी के रूप में जानी जाती है। कन्दाहा का सूर्य मंदिर 15वीं सदी में बनी है। कहा जाता है कि इसके कुंए के जल के सेवन से चर्म रोग सहित कई अन्य रोगों का भी निवारण होता है। महपुरा स्थित बाबा कारू की महिमा से मानव के साथ मवेशी भी धन्य होते हैं। बाबा का भष्म लोग अपने कल्याणार्थ प्रयोग में लाते है। नाकुच का नकुलेश्वर महादेव मंदिर भक्तों को शिवमय बना उनके कष्टों का हरण कर लेती है। महिषी के संस्कृत के महान विद्वान मण्डन मिश्र सहित मैथिली, हिंदी सहित बंगला भाषा में अपनी लेखनी का लोहा मनवाने वाले साहित्यकार स्व. राजकमल की जन्मभूमि सहित पं. मण्डन मिश्र की पत्नी विदुषी भारती की कर्मभूमि भी आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल है। बलुआहा में कोसी पुल सहित नदी का रेतनुमा किनारा रमणीक पिकनिक प्लेस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वैसे कोसी पुल पर लगे वैपर बल्बों में बिजली नहीं रहने से देर शाम तक मनोरंजन के इच्छुक लोगों को थोड़ी- बहुत परेशानी होती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि विभाग द्वारा पुल पर लगे इन लाइटों को जला दिया जाय तो पुल की सुंदरता में चार चांद लग जायेगा।

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