मां उग्रतारा सोमेश्वर दर्पण पत्रिका का लोकार्पण
बुधवार को स्थानीय सिद्धपीठ उग्रतारा मंदिर प्रागण में स्थित साधना भवन में जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजीव कुमार द्वारा रचित व मोतिहारी के बाबा...
महिषी । एक संवाददाता
बुधवार को स्थानीय सिद्धपीठ उग्रतारा मंदिर प्रागण में स्थित साधना भवन में जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजीव कुमार द्वारा रचित व मोतिहारी के बाबा सोमेश्वरनाथ के संरक्षण में प्रकाशित पत्रिका मां उग्रतारा सोमेश्वर दर्पण का लोकार्पण किया गया । उग्रतारा न्यास समिति महिषी के आयोजत्व में हुए कार्यक्रम में न्यास समिति के सचिव केशव चौधरी, महिषी उत्तरी पंचायत के जनप्रतिनिधियों व विद्वानों की उपस्थिति में पत्रिका का परिचय करवाते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि यह एक आध्यात्मिक पत्रिका है, जिसका उद्देश्य इस स्थल के संबंध में इस पत्रिका के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी महत्ता की जानकारी पहुंचाना है। इस पत्रिका में दस अध्याय हैं, जिसमें अध्यात्म के साथ जीवन जीने की कला के बारे में लोगों को बताया गया है। उन्होंने कहा कि उग्रतारा स्थान एक जाग्रत धर्म स्थल है। यहां आदि शंकराचार्य को भी शिव और माता पार्वती ने दर्शन देकर उन्हें सच्चे ज्ञान का मार्गदर्शन किया था। द्वैत और अद्वैत की इस भूमि पर इसके सही मायने को उद्धरित करने का माध्यम ये पत्रिका बनने को तैयार हैं। मुख्य अतिथि सोमेश्वरनाथ धाम के महंत रविशंकर गिरी व कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्व विद्यालय दरभंगा के पूर्व कुल सचिव डॉ. शक्तिनाथ झा ने कहा कि इस पत्रिका के एक आलेख में जिस प्रकार द्वैत और अद्वैत को अर्पण और समर्पण के अर्थ में बतलाया गया है वह सराहनीय है। आध्यात्म के सभी रास्ते अंत में मिलकर ही जीव को मोक्ष के द्वार तक ले जाती है। न्यास कमिटी के सचिव के संचालन में चले कार्यक्रम में पत्रिका के संपादक जय गोविन्द यादव, प्रबंधन समिति सदस्य विनय बिहारी वर्मा, दरभंगा जिला के कोरवा पंचायत के मुखिया रामनरेश सिंह, सोमेश्वरनाथ धाम के मुख्य कार्यकारी सदस्य राधेश्याम सहित अन्य आगत अतिथियों का पंचायत की मुखिया सोनी कुमारी, सरपंच प्रतिनिधि आशुतोष चौधरी, उग्रतारा न्यास समिति के उपसचिव श्रीकृष्ण झा सहित अन्य ने पागल व चादर देकर सम्मानित किया। मौके पर जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी संजीव कुमार, प्रधान लिपिक रमण कुमार, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी विकास कुमार सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
