बदलाघाट से शुरू होगी मक्के की लोडिंग
रेलवे ने सहरसा-मानसी रेलखंड में स्थित बदलाघाट स्टेशन पर अस्थाई रैक प्वाइंट खोलने का निर्णय लिया है। यहां मालगाड़ी से सिर्फ मक्के की लदान(लोडिंग) किया जाएगा। मक्के का लदान शुरू होने से बदला घाट सहित...
रेलवे ने सहरसा-मानसी रेलखंड में स्थित बदलाघाट स्टेशन पर अस्थाई रैक प्वाइंट खोलने का निर्णय लिया है। यहां मालगाड़ी से सिर्फ मक्के की लदान(लोडिंग) किया जाएगा। मक्के का लदान शुरू होने से बदला घाट सहित आसपास के हजारों किसानों को फायदा होगा। मक्का फसल की उन्हें सही दर मिल पाएगी। मक्का बेचने के लिए उन्हें मानसी, खगड़िया और सहरसा नहीं जाना पड़ेगा। वहां जाने में पड़ने वाली खर्च की बचत होगी।
पूर्व मध्य रेलवे के डिप्टी सीसीएम(एफएम) पी. के. सिन्हा ने जारी पत्र में कहा है कि दो महीने तक बदलाघाट स्टेशन पर मक्के का लदान किया जाएगा। अस्थाई तौर पर मालगाड़ी से मक्के लदान की यहां व्यवस्था बहाल की जा रही है।
पहली बार बदला घाट में मक्का लोडिंग की दी गई सुविधा : बदला घाट स्टेशन पर मालगाड़ी से मक्के की लोडिंग कर दक्षिण भारत, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्य भेजने की सुविधा पहली बार दी गई है। रेलवे ने किसानों और व्यापारियों की सहूलियत तथा रेल राजस्व बढ़ाने की सोच के साथ यह निर्णय लिया है। बता दें कि बदलाघाट सड़क नेटवर्क से पिछड़ा इलाका है। बरसात के मौसम में प्राकृतिक आपदा से भी प्रभावित रहता है।
यहां की नगदी फसल बड़े पैमाने पर होने वाली मक्के की पैदावार मानी जाती है। रेलवे के इस निर्णय से मक्के फसल की सही दर मिलने से किसानों के चेहरे पर खुशहाली लौटेगी। सूत्रों की माने तो बदला घाट में मक्के लदान की पहली बार की जा रही यह अस्थाई व्यवस्था सफल रही तो रेल विभाग यहां स्थाई तौर पर भी रैक प्वाइंट स्थापित कर सकता है।
खगड़िया तक के किसानों को मिलेगा फायदा: बदला घाट के आसपास सैदपुर, अमनी, हरदिया, बरमहेन, सैदपुर और बलहा गांव है। खगड़िया जिले में पड़ने वाला यह इलाका चौथम से भी नजदीक है। इन इलाकों में एक अनुमान मुताबिक एक हजार एकड़ से अधिक में मक्के की खेती होती है । यहां के किसानों को इससे काफी फायदा पहुंचेगा