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सलखुआ के दर्जनों गांवों में फैला कोसी का पानी

सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...

सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
1/ 3सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
2/ 3सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
3/ 3सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये...
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाThu, 23 Jul 2020 11:44 PM
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सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर गुरुवार को कोसी नदी में पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में पानी भर गया है। लोग आनन-फानन में घर खाली कर ऊंचे बांध पर त्रिपाल टांग रहने के विवश हो गये हैं। ग्रामीणों की जिदगी जल संकट में बीतने लगी है।

प्रखंड के साम्हरखुर्द एवं अलानी पंचायत में दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर जाना शुरू कर दिया है। कोसी नदी में पानी बढ़ने से साम्हरखुर्द पंचायत के खजुर्बन्ना, सौंथि, भिरखी वहीं अलानी पंचायत के बगुलवाटोल, बेलाही, चिरैया, अलानी, रेहरवा तो चानन पंचायत के शिशवा, डेंगराही, सहुरिया बसाही सहित दर्जनों गांवों में पानी का पूरा फैलाव हो गया है। लोंगों के घरों में दो से तीन फीट ऊंचा पानी लग चुका है। आम जनजीवन प्रभावित हो चुका है। घर में रखें किसानों की फसल के बोरी को बाढ़ के पानी ने बर्बाद कर दिया है। किसान किसी भी तरह अपने अनाजों को बाढ़ से बचाव के लिए नाव के सहारे ऊंचे सड़को या मकान में रख रहे हैं।

पंचायतों के लोंगों को बाढ़ से बचाव के लिए ग्रामीणों को कोई ऊंचा स्थल नजर नहीं आ रहा है। सरकार द्वारा बनाई गई बाढ़ आश्रय स्थल चिरैया में किसानों के अनाज रहने के कारण वो भी जगह बाधित है। लोंगों को आने-जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बचा है। जिससे अब इन गांवों में लोंगों को नाव से अपनी नैया पार लगानी पड़ रही है। तटबंध के अंदर बाढ़ के रफ्तार को देखते हुए स्थिति बदतर होती जा रही है।

वहीं सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के धनुपरा, कठडूमर, बेलवाड़ा एवं घोघसम पंचायत के लोंगों के घरों में पानी जमा रहने के कारण घर धीरे धीरे खाली कर ऊंचे स्थल पर जाना शुरू कर दिया है। कोसी नदी से दो फीट ऊपर पानी बहने से लोंगों की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। बाढ़ के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी देख लोग नाव के सहारे किसी विद्यालय या कोसी तटबंध की ओर निकलना शुरू कर दिया है। ग्रामीण कुंदन कुमार विंदा, अमरजीत साह, रामदास चौधरी, सत्यम शर्मा,़ फोटो साह, भंडारी शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए भी प्रशासन किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है। जिससे बढ़ते जलस्तर को देखते हुए किसी भी तरह घर-द्वार छोड़कर ऊंचे स्थान पर लोग निकल रहे हैं।

जानवर सहित लोंगों की बढ़ी परेशानी: तटबंध के अंदर कोसी नदी का पानी चारों ओर फैलने से करीब दस हजार दूध उत्पादन पशुओं के सामने चारा की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। कोसी के उफान को देखते हुए पशुपालक अपने मवेशी को अपने सगे संबंधी या खगड़िया के ऊंचे जगहों पर पहुंचा देते हैं।

लोंगों के सामने खाने-पीने की आई विकट समस्या: कोसी तटबंध में अंदर अलानी, साम्हरखुर्द एवं चानन पंचायत के दर्जनों गांवों के लोंगों के सामने खाने-पीने की समस्या सामने आने लगी है। लोंगों के घरों में दो से तीन फीट पानी लगने के कारण चूल्हा, जलावन सब कुछ पानी में बह जाने के कारण घर का चूल्हा बंद पड़ा हुआ है। दो वक्त के खाने के लिए लोग पानी में किसी भी तरह तैर कर चुरा, दालमोट, बिस्कुट खरीद कर बांध पर पल्ली टांग कर समय बिताने के लिए मजबूर है।

जगह जगह टूटी सड़के हर गांव का संपर्क भंग: चिरैया से कबीरा धाप का संपर्क भी भंग होने लगा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं सात निश्चिय योजना के तहत बनी सड़के जगह जगह टूटने के कगार पर हो गई है। चिरैया के समीप बनी पुलिया में लापरवाही बरतने के कारण पहुंचपथ मजबूत से न देने के कारण दोनों छोड़ से मिट्टी खिसकना शुरू हो गया। बेलाही के समीप पिचिंग पर पानी आर पार हो रही जो कभी भी कटाव की चपेट में आ सकता है।

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