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आईपीएस बन देश की सेवा करें शहीद के पुत्र

अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के गांव सरोजा पहुंचे सूबे के डीजीपी के.एस. द्विवेदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि ऐसे बहादुर शहीद का पुत्र आईपीएस बन देश की सेवा...

आईपीएस बन देश की सेवा करें शहीद के पुत्र
हिन्दुस्तान टीम,सहरसाSun, 21 Oct 2018 11:42 PM
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अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के गांव सरोजा पहुंचे सूबे के डीजीपी के.एस. द्विवेदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि ऐसे बहादुर शहीद का पुत्र आईपीएस बन देश की सेवा करे।

पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर रविवार को शहीद के सम्मान में सूबे के आलापुलिस अधिकारियों के साथ पहुंचे डीजीपी ने कहा कि विभागीय नियमानुसार शहीद की पत्नी को तृतीय संवर्ग में या नाबालिग पुत्र को 12 वर्ष के बाद बाल आरक्षी के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन वे चाहते हैं कि शहीद का पुत्र आईपीएस या आईएएस बन देश की सेवा करें। शहीद की पत्नी की योग्यता देख उन्होंने विभाग में लिपिक पद पर नियुक्ति की पेशकश की। डीजीपी ने शहीद की पत्नी, बच्चे व परिजनोंेे से मुलाकत कर उन्हें सांत्वना देते कहा कि आशीष का जाना हमलोगों के लिए दुर्भाग्य है। उन्होंने शहीद की पत्नी से कहा कि पढ़ी लिखी महिलाओं को बैठना नहीं चाहिए। इसलिए आप नौकरी करें।

मौके पर आईजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, मद्य निषेध आईजी रत्न संजय, आईजी दरभंगा प्रक्षेत्र पंकज दराद, डीआईजी पूर्णिया सह कोसी प्रभारी सौरभ कुमार, सहरसा एसपी राकेश कुमार, एसपी सुपौल मृत्यंुजय चौधरी, डीएसपी गणपति ठाकुर,रश्मि, सिमरी एसडीपीओ मृदुला कुमारी सहित सभी पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

शहीद के ससुर ने की पूर्ण वेतन देने की मांग: शहीद थानाध्यक्ष के ससुर शंभू सिंह ने डीजीपी से पूर्ण वेतन सेवाकाल की अवधि तक देने की मांग की। डीजीपी ने कहा कि विभागीय नियमानुसार अगर संभव हुआ तो वह अवश्य करेंगे। शहीद के दोस्त राजीव रंजन सिंह ने डीजीपी से बच्चों की पढ़ाई के मद्देनजर आशीष की पत्नी को पटना में नौकरी देने की मांग की। डीजीपी ने कहा कि जहां शहीद की पत्नी बेहतर समझेगी वहां उन्हें पदास्थापित किया जाएगा।

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