नदी का पानी फैलने से उच्चस्तरीय पुल का एप्रोच पथ बहा
क्षेत्र की दोनों प्रमुख नदी सुरसर व तिलावे का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे मोकमा पंचायत के कई गांवों व बहियार जलमग्न हो गई है। गुुरुवार को भी पानी के जलस्तर में कमी नहीं आई। जिस वजह से क्षेत्र की...
क्षेत्र की दोनों प्रमुख नदी सुरसर व तिलावे का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे मोकमा पंचायत के कई गांवों व बहियार जलमग्न हो गई है। गुुरुवार को भी पानी के जलस्तर में कमी नहीं आई। जिस वजह से क्षेत्र की मोकमा पंचायत स्थिति सुरसर नदी पर वर्षों से बने उच्च स्तरीय पुल का पहुंच पथ बह गया। पुल के एप्रोच पथ बहने से मोकमा पंचायत के बिजुलिया व अमौजा गांव का सीधा सम्पर्क भंग हो गया।
एक बडी आबादी का सहारा नाव है। मोकमा पंचायत के बिजुलिया गांव बिल्कुल सुरसर नदी के किनारे तथा मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के सीमा पर बसा हुआ है। उसे प्रखंड मुख्यालय तथा अपने पंचायत आने के लिए सुरसर नदी के दो शाखाओं को पार कर आना पड़ता है। इस गांव में लगभग 100 परिवार रहते है। जो ज्यादातर दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। नदी में पानी बढने से इनके घरद्वार तथा खेत खलिहान पिछले पांच दिनों से लबालब भरा हुआ है। जिस वजह से जहां इनके रोजमर्रे का काम बंद हो गया है वहीं अपने बालबच्चों के भोजन तथा मवेशियों का चारा जुटाने में इन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही हैं।
पुल की लागत: अमौजा दुर्गापुर पथ मे सुरसर नदी पर बिजुलिया घाट पर वर्षों से अर्धनिर्मित उच्च स्तरीय पुल की पहुंच पथ की लागत 78.30 लाख थी। जबकि पुल की कुल लागत 289.30 लाख है। कार्यकारी विभाग कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग सिमरीबख्तियारपुर के द्वारा पुल निर्माण कार्य मे संवेदक मेसर्स सोना कंस्ट्रक्शन छपकारी सुपौल को दिया गया था।जिसका कार्य प्रारंभ की तिथि 19 मई 2014 था। लेकिन यह आजतक अधूरा पडा हुआ है। जबकि विभागीय नियमानुसार पांच साल तक देख रेख का समय निर्धारित रहता है। पांच साल बीत जाने के बावजूद आजतक करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी पिछले वर्ष ध्वस्त हुए पहुंच पथ का मरम्मती आजतक नहीं किया गया है।जिससे आमजनों को आवाजाही करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
लाखों खर्च कर दो बार मिट्टी भराई पर वह भी पानी में बहा: तीन वर्षों के अंदर एक ही सडक़ पर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर दो बार मिट्टी भराई कार्य कराया गया। लेकिन फिर भी पहले बाढ में ही तिलाबे नदी के बढते जलस्तर से सडक पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया। प्रखंड क्षेत्र के सहमौरा मुख्य सडक़ से तुलस्याही होते हुए भटौनी में एन एच 107 को जोडने वाली नव निर्मित सडक़ लाखों खर्च के वाबजूद तिलाबे नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद ध्वस्त हो गया।
सडक़ सोनवर्षा प्रखंड को सीमावर्ती सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र को जोडने वाली सुगमा पुल पर भारी वाहनों का परिचालन बंद होने और मनौरी चौक स्थित तिलाबे नदी पर क्षतिग्रस्त पुल को तोडे जाने के बाद सिमरी अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न गांवों को जोडने वाली एक मात्र सडक़ थी। मालूम हो कि तिलाबे नदी पर स्थित पुल से सोनवर्षा प्रखंड क्षेत्र के तुलस्याही तक जाने वाली सडक़ कई जगह ध्वस्त हो गई है। इस सडक़ पर पानी बह रहा है। जिस कारण लोगों को आवाजाही के लिए नाव का सहारा लेना पडता है।