पंचगछिया से गांधीजी का था लगाव: लवली
पंचगछिया के सोशल क्लब प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती हर्षोल्लास पूर्वक गुरुवार को मनाई गई। अतिथियो सहित काफी संख्या में आए लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण...
पंचगछिया के सोशल क्लब प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती हर्षोल्लास पूर्वक गुरुवार को मनाई गई। अतिथियो सहित काफी संख्या में आए लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
भाजपा नेता शालिग्राम देव की अध्यक्षता एवं भाकपा नेता ओमप्रकाश नारायण के संचालन में चले इस कार्यक्रम में फ्रेन्डस ऑफ आनन्द एवं बिपीपा के कार्यकर्ताओं ने अतिथियों को चादर देकर सम्मानित किया। समारोह में पूर्व सांसद लवली आनन्द ने कहा कि आजादी के दशक में वृहत्तर पंचगछिया का यह धरती कोसी के गांधी कहे जानेवाले रामबहादुर सिंह के नेतृत्व में न जाने कितनी कुर्बानियां दी और कितने दुख सहे लेकिन वृहत्तर पंचगछिया का यह इलाका आज भी उपेक्षित है। आजादी के दौर में महात्मा गांधी यहां आकर रणनीति तैयार करते थे और उसके बाद स्व. रामबहादुर बाबू के नेतृत्व में अंग्रेजों से लोहा लिया जाता था। रामबहादुर बाबू के नेतृत्व में इस इलाके की महिलाओं ने भी कदम से कदम मिलाते हुये सोने चांदी सहित अन्य आभूषण देकर आजादी के इस जंग में अपनी सहभागिता दी थी।
पूर्व मंत्री सह विधायक अब्दुल गफूर एवं पूर्व विधायक गुंजेश्वर साह ने कहा कि यह इलाका बलिदानों के लिये चर्चित रहा है लेकिन आज ये हालत है कि स्वंतत्रता सेनानियों के परिजनों को ही एक षडयंत्र के तहत जेल में बंद किये हुये हैं जो न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी की बलिदानी तभी सफल होगी जब हर किसी को उचित न्याय मिले। एक कमिटि गठन कर पूर्व सांसद आनन्द मोहन की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री से मिलने का भी मंच से आग्रह किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये रजनी बाला, रितेश रंजन ,जफर आलम, अशोक पासवान, कुलानन्द अकेला, जयशंकर सिंह पप्पू, ब्रमदेव सिंह, विजेन्द्र यादव, अजय सिंह बबलू, चुन्नू सिंह, आनन्द सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि आज इस जगह पर आकर ऐसा लगा कि कुर्बानियों का पुरस्कार तो इस परिवार को नहीं मिला लेकिन प्रतिकार और अपमान अवश्य मिला। जिसके लिए आनेवाले समय में कोसी वासियों को एकजुट होकर अपना हक और अधिकार मांगना होगा। संघर्ष के इस घड़ी में लोगों को साथ और सहयोग देने की मांग भी मंच से की गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर आयोजित समारोह में क्षेत्र के लोगों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हुये उन्हें नमन किया एवं बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने स्व. रामबहादुर सिंह के आजादी में सहयोग के बारे में विस्तृत चर्चा की।