बच्चों को मिलेगा परवरिश योजना का लाभ
एचआईवी पॉजिटिव व कुष्ठ रोग से ग्रसित अथवा वैसे माता-पिता के बच्चे जो एचआईवी व कुष्ठ से पीड़ित हैं को परवरिश योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को हर माह एक हजार रुपये सहायता...
एचआईवी पॉजिटिव व कुष्ठ रोग से ग्रसित अथवा वैसे माता-पिता के बच्चे जो एचआईवी व कुष्ठ से पीड़ित हैं को परवरिश योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को हर माह एक हजार रुपये सहायता राशि के रूप में दी जाएगी।
कोविड-19 परिदृश्य में उच्च जोखिम समूहों, एचआईवी-एड्स संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों को विभागीय योजनाओं एवं सेवाओं से लभान्वित किया जायेगा। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र लिखकर डीपीओ को दिशा-निर्देश दिया है। आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने पोषक क्षेत्र में ऐसे परिवारों को चिह्नित करेंगीं। कुष्ठ व तथा एचआईवी पॉजिटिव अनाथ व बेसहारा बच्चों को परवरिश योजना का लाभ मिलेगा। योजना में बेसहारा व निकटतम संबंधी अथवा किसी रिश्तेदार के साथ रहने वाले बच्चे शामिल होंगे। एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों का नाम गोपनीय रहेगा। अनाथ बच्चों को योजना से लाभान्वित कराने के लिए चयन का दायित्व वार्ड स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका को अधिकृत किया गया है। सेविका अनाथ बच्चों के पालन करने वाले अभिभावक से आवेदन विहित प्रपत्रों में प्राप्त कर अपनी अनुशंसा के साथ सीडीपीओ कार्यालय में समर्पित करेंगी। सीडीपीओ सेविका के अनुशंसा के आधार पर अपनी अनुशंसा कर संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी के पास स्वीकृति के लिए भेजेंगे। स्वीकृति के बाद अनाथ बच्चे एवं पालनहार के नाम संयुक्त बैंक खाता में सीधे सहायता राशि भेज दी जाएगी।
नि:शुल्क आवेदन की सुविधा : योजना में आवेदन पत्र नि:शुल्क जमा करना होगा। अनाथ बच्चे की स्थिति में माता-पिता का सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र जिसमें मुखिया, वार्ड, पार्षद द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र भी मान्य है। लाभुक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत (ग्रेड 2) प्रमाण पत्र, एचआईवी पीड़ित होने का प्रमाणपत्र देना होगा। स्कूल का प्रमाणपत्र भी चलेगा। आवेदन पत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र, सीडीपीओ कार्यालय व जिला बाल संरक्षण इकाई से नि:शुल्क लेकर जमा करना होगा।