क्षरण रोकने को बेडवार का निर्माण
पूर्वी कोसी तटबंध के 78.30 किमी ई-2 स्पर के लगभग 500 मीटर उत्तर पुराना तटबंध के कट इंड नोज के पास दो अलग-अलग नदियों के मिलने के कारण संभावित बाढ़ के दौरान उत्पन्न होने वाली खतरे को देखते हुए कट इंड...
पूर्वी कोसी तटबंध के 78.30 किमी ई-2 स्पर के लगभग 500 मीटर उत्तर पुराना तटबंध के कट इंड नोज के पास दो अलग-अलग नदियों के मिलने के कारण संभावित बाढ़ के दौरान उत्पन्न होने वाली खतरे को देखते हुए कट इंड नोज को फूलप्रूफ प्रोटेक्ट कर दिया गया है।वही इस बिंदु से उत्तर नदी के दबाव से हो रही मिट्टी क्षरण को रोकने के लिए बेडवार का भी लगभग निर्माण कर दिया गया है।
ई-2 स्पर से उत्तर रिटायर पुराना तटबंध जिसपर केदली पंचायत के सैकड़ों विस्थापित परिवारों की आबादी बर्षों से निवास करती है, के कट इंड नोज के पास उत्तर की तरफ से दो अलग-अलग नदियां (एक छोटी एवं एक बड़ी मुख्य नदी) मिलती है। दो धाराओं के एक साथ मिलने के कारण जहां पुराना पूर्वी तटबंध पर खतरे की आशंका बनी रहती थी वहीं 20-25 हजार की आबादी के विस्थापित होने का खतरा बना रहता था।
इस बीच कट इंड नोज को पीपीरोप गैबियन से फुलप्रूफ प्रोटेक्ट कर दिया गया है। इससे खतरे की आशंका में जी रहे विस्थापित परिवारों ने राहत की सांस ली है। अभियंताओं की मानें तो पुराना तटबंध अब सुरक्षित हो गई है। वैसे कोसी नदी के रौद्र रूप को आकलन करना मुश्किल है। धारा बदलने में माहिर कोसी नदी कब किधर रूख लेगी, कहना कठिन है।
दूसरी तरफ चीफ इंजीनियर प्रकाश दास एवं कटाव निरोधी कार्य के अध्यक्ष सहजानंद सिंह के निर्देश पर कट इंड नोज से उत्तर कोसी नदी से पूरब हो रही मिट्टी क्षरण को रोकने के लिए लगभग 9 बेडवार बनाने का निर्देश दिया गया है, जो लगभग पूरा कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक कनीय अभियंता किशोर कुणाल की देखरेख में एजेंसी सेलकॉन कंस्ट्रक्शन गोपालगंज द्वारा यह बेडवार निर्माण किया गया है। हजारों की लागत से पीपीरोप गैबियन से यह सुरक्षात्मक कार्य किया गया है। बेडवार के निर्माण से धारा को मोड़ने में उपयोगी हो रही है।