सरकारी अस्पतालों में दवाओं की बनी रहेगी उपलब्धता
सहरसा में सदर अस्पताल परिसर में औषधि भंडार बनाने का निर्णय लिया गया है। यह भंडार दवाओं की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। निर्माण पर 1.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह छह हजार स्क्वायर फीट में आधुनिक...

सहरसा, नगर संवाददाता/मनीष कुमार सिंह। जिले के सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी संस्थाओं में अब विभिन्न दवाओं की उपलब्धता बनी रहेगी। राज्य सरकार ने सदर अस्पताल परिसर में औषधि भंडार बनाने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में स्थित सदर सहित अन्य सरकारी अस्पतालों को समय पर दवा उपलब्ध कराने के लिए औषधि भंडार केंद्र बनाने का फैसला लिया है। सहरसा सहित राज्य के अन्य जिलों में बिहार सरकार द्वारा इस योजना को स्वीकृति दी गई है। औषधि केंद्रों का निर्माण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दो वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए आवंटित राशि से किया जाएगा।सहरसा म बनने वाले जिला औषधि भंडार निर्माण के लिए जगह का भी चयन किया जा चुका है। जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के पिछले हिस्से में औषधि भंडार निर्माण के लिए जगह चिन्हित किया गया है। औषधि भंडार के निर्माण पर करीब 1.67 करोड़ रुपये खर्च होगें। जिला औषधि भंडार करीब छह हजार स्क्वायर फीट में बनेगा।जहाँ पर्याप्त मात्रा में राज्य सरकार के मानकों अनुसार सभी दवाओं की उपलब्धता बनी रहेगी।सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क दवा दी जाती है।
आधुनिक सुविधाओं से रहेगा लैस :छह हजार वर्ग फीट में आधुनिक सुविधाओं से लैस औषधि भंडार केंद्र बनाया जाएगा। यहीं से सभी प्रखंडों द्वारा दवाओं का उठाव किया जाएगा। इससे सीएस कार्यालय को भी मुक्ति मिल जाएगी। औषधि भंडार निर्माण के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) की ओर से भी हरी झंडी मिल चुकी है। इसके साथ ही अब निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस केंद्र में दवा एक्सपायर होने के बाद नष्ट करने की भी सुविधा रहेगी। अब तक एक्सपायर दवाओं को नष्ट करने की सुविधा नहीं थी। समय समय पर इस तरह की दवाओं के नष्ट किए जाने से भंडारण क्षमता भी बनी रहेगी।जिला औषधि भंडार केंद्र में दवाओं को रखने के लिए मानक के अनुसार सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
सिविल सर्जन कार्यालय में स्थापित है औषधि भंडार :वर्तमान में जिला औषधि भंडार सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में स्थापित है। जहां सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति की जाती है। जो मरीजों को निशुल्क दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन को अस्पताल आसपास हीं जिला औषधि भंडार के लिए जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के पिछले हिस्से में स्थित जमीन का औषधि भंडार के लिए चिन्हित किया गया है।सहरसा के अलावा औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर , सारण, सीतामढ़ी, सिवान और सुपौल, पटना, दरभंगा, अररिया, बक्सर, शेखपुरा, गया और पश्चिम चंपारण में जिला औषधि केंद्र बनाए जाएंगे।
कहते हैं अधिकारी :डीपीएम विनय रंजन ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के पिछले हिस्से में औषधि भंडार बनाने के लिए जमीन का चयन किया है। औषधि भंडार निर्माण से दवाओं की उपलब्धता बनी रहेगी।
बीएमएसआईसीएल के अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि छह हजार वर्ग फीट में बनने वाले औषधि भंडार की प्रक्रिया जारी है।
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