पश्चिम बंगाल के नार्थ 24 परगना स्थित नवोदय विद्यालय वानीपुर के दसवीं कक्षा के सहरसा में फंसे 24 छात्र-छात्राएं शुक्रवार को घर भेजे गए। शनिवार की सुबह 7.35 बजे सभी छात्र और छात्राएं थर्मल स्क्रीनिंग के बाद अपने-अपने घर पहुंच गए हैं।
सहरसा के डीएम कौशल कुमार और वानीपुर के डीसी से अनुमति मिलते सभी बच्चों को जवाहर नवोदय विद्यालय बरियाही से शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे बस से भेजा गया। माता पिता से मिलने की खुशी से 15 छात्र और 9 छात्राएं काफी उत्साहित थे। स्वास्थ्यकर्मियों से थर्मल स्क्रीनिंग करवाकर प्राचार्य ने सभी छात्र-छात्राओं को यहां से भेजा। नवोदय विद्यालय बरियाही के प्राचार्य मनोज कुमार विद्यार्थी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जेएनवी वानीपुर के 24 बच्चे यहां रह गए थे। बच्चों को उनके माता-पिता के पास भेजने का प्रयास लॉकडाउन के समय से शुरू कर दिया गया था। हिन्दुस्तान समाचार पत्र में 31 मार्च को खबर प्रकाशित होने के बाद सदर एसडीओ ने जानकारी ली थी। अपने माता-पिता तक बच्चों के सुरक्षित पहुंच जाने में सहरसा के जिला पदाधिकारी का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर शिक्षक सुशील कुमार, स्टाफ नर्स और मेट्रन को भेजा गया था। सभी छात्र-छात्राएं शनिवार की सुबह 7.35 बजे अपने घर पहुंच गए हैं। बच्चों को रास्ते में खाने की सामग्री कम नहीं पड़े इसका पूरा इंतजाम कर दिया गया था।
माइग्रेशन पॉलिसी के तहत पढ़ने आए थे : माइग्रेशन पॉलिसी के तहत नवोदय विद्यालय वानीपुर के 24 छात्र और छात्राएं नवोदय बरियाही सहरसा पढ़ने के लिए आए थे। नवोदय बरियाही के 24 छात्र और छात्राएं 21 मार्च को नवोदय वानीपुर से बस से आ गए थे। लेकिन 22 मार्च से लॉकडाउन होने के कारण वानीपुर जाने वाले बच्चे नवोदय बरियाही में ही फंस गए। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 31 मार्च के अंक में बंगाल नवोदय के बच्चे सहरसा में फंसे शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रशासन के संज्ञान में यह बात लाई कि बच्चे अपने घर जाना चाहते हैं। घर जाने के लिए बच्चे बजाप्ता पीएम और मानव संसाधन विकास मंत्री को टवीट कर मदद की गुहार लगा रहे हैं।