
तेजस्वी की अपील के तीसरे दिन चला RJD का मीटर; वोटर लिस्ट पर 3 दावा और आपत्ति से खाता खोला
संक्षेप: बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर तेजस्वी यादव की अपील के तीसरे दिन राष्ट्रीय जनता दल का खाता भी खुल गया है। आखिरी पांचवें दिन पार्टी की तरफ से तीन दावा और आपत्ति दर्ज कराए गए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और विपक्षी दलों के महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के अघोषित कैंडिडेट तेजस्वी यादव की खुली अपील के तीसरे दिन ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजद का आपत्ति और दावा मीटर चालू हो गया है। आरजेडी ने तीन दावा और आपत्ति के साथ मतदाता सूची अपडेट करने की प्रक्रिया में अपना खाता खोल लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले शुक्रवार को राजनीतिक दलों को फटकार लगाई थी और पूछा था कि बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) प्रभावित वोटरों की मदद क्यों नहीं कर रहे हैं। राजद के सहयोगी दल सीपीआई-एमएल ने अब तक कुल 79 मामले दाखिल किए हैं, जिसमें 26 बुधवार को दर्ज कराए गए हैं।
बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे तेजस्वी यादव ने 25 अगस्त को वीडियो संदेश के जरिए राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा था कि वो ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कटे लोगों का नाम जुड़वाने के काम में जुट जाएं। तेजस्वी ने पार्टी के नेताओं से कहा था कि जो नए वोटर बनाए जा सकते हैं, उनका नाम भी जुड़वाया जाए। लेकिन 25 अगस्त से 27 अगस्त की सुबह 10 बजे तक राजद के किसी भी बीएलए ने कोई दावा या आपत्ति नहीं दाखिल की। चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपडेट दिया है कि उसे आज सुबह 10 बजे तक कुल 82 दावा या आपत्ति मिले हैं। इसमें 3 राजद और 79 सीपीआई-माले के हैं।
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले में चुनाव आयोग मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी हुआ था जिसमें 65 लाख वोटरों का नाम निधन, घर पर ना मिलने या बाहर चले जाने और एक से ज्यादा बूथ पर होने के कारण कटा है। इस लिस्ट में अगर किसी को नाम कटने से आपत्ति है या नाम छूटने का दावा है तो वो फॉर्म भरकर 1 सितंबर तक दाखिल कर सकता है। वोटर सीधे भी ऐसा कर सकते हैं और राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट भी यह काम कर सकते हैं। इस काम के लिए अब सबके पास चार दिन का समय बचा है।
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ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और लोक जनशक्ति पार्टी - रामविलास (एलजेपी-आर) से अब तक कोई आपत्ति या दावा नहीं दाखिल हुआ है। महागठबंधन में शामिल राजद और सीपीआई-माले के अलावा कांग्रेस या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने भी कोई दावा और आपत्ति नहीं दर्ज कराया है। बिहार में छह राष्ट्रीय और छह प्रांतीय दलों ने कुल 1 लाख 60 हजार 813 बीएलए नियुक्त किया है। आयोग इन 12 दलों का हिसाब ही दे रहा है। इस लिस्ट में एनडीए से जीतनराम मांझी का हम और महागठबंधन से सीपीआई के अलावा मुकेश सहनी की वीआईपी का हिसाब नहीं है।





