बिहार में कैसे चल रहा रेल टिकट से टेंपरिंग का खेल, होटल में रेड; 140 माइक्रो मुहर और कैश बरामद
शातिरों की निशानदेही पर पटना स्टेशन रोड के एक होटल में छापेमारी कर देश के सभी प्रमुख स्टेशनों के नाम वाली 140 माइक्रो मुहर और दो हजार रुपये कैश भी जब्त किये। फिलहाल सभी से आरपीएफ पोस्ट पर पूछताछ की जा रही है।
जेनरल टिकट से टेंपरिंग (छेड़छाड़) कर यात्रियों से बेचने वाले गिरोह के खिलाफ मुजफ्फरपुर आरपीएफ ने सोमवार की सुबह कार्रवाई की है। यूटीएस हॉल और काउंटर से चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 30 असली और टेंपरिंग जेनरल टिकट मिले। अधिकतर टिकट मुजफ्फरपुर-बेंगलुरू के थे। कुछ टिकट पटना-नेऊरा और पटना-आरा के भी थे।
शातिरों की निशानदेही पर पटना स्टेशन रोड के एक होटल में छापेमारी कर देश के सभी प्रमुख स्टेशनों के नाम वाली 140 माइक्रो मुहर और दो हजार रुपये कैश भी जब्त किये। फिलहाल सभी से आरपीएफ पोस्ट पर पूछताछ की जा रही है। इसकी पुष्टि सोनपुर रेलमंडल के आरपीएफ कमांडेंट अमिताभ ने की है। बताया कि ये मुजफ्फरपुर के अलावा पटना, दरभंगा, मधुबनी, जयनगर और बरौनी स्टेशन पर फर्जीवाड़ा करते थे।
शाम से शुरू होता है टेंपरिंग का खेल
आरपीएफ की पूछताछ में शातिरों ने बताया कि वे लोग शाम में पटना पहुंचते हैं। वहां स्टेशन रोड स्थित होटल में कमरा लेते हैं। फिर जंक्शन जाकर कई बार में कम दूरी के जेनरल टिकट खरीदते हैं। फिर होटल के कमरे में आते हैं। एक केमिकल से पहले से छपा टिकट के अक्षर को मिटाते हैं। फिर माइक्रो मुहर का इस्तेमाल कर टिकट के साथ टेंपरिंग कर दूसरे-दूसरे स्टेशनों का टिकट बनाते हैं। उमेश सहनी इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। इसे लेकर आरपीएफ ने मुजफ्फरपुर के पारू गोकुला के उमेश सहनी, सरैया निवासी दशरथ सहनी व संतोष साह और वैशाली के बेलसर निवासी विगू राम के खिलाफ केस दर्ज किया है।