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हिन्दी साहित्य के साधक की चिरविदाई पर साहित्यकार मर्माहत.

प्रगतिशील चेतना के प्रबल प्रचारक और हिन्दी साहित्य के अनन्य साधक प्रो. खगेन्द्र ठाकुर की चिरविदाई से जिले के कवि साहित्यकार काफी मर्माहत हैं। कविता परिसर न्यू सिपाही टोला में आयोजित शोक गोष्ठी में...

हिन्दी साहित्य के साधक की चिरविदाई पर साहित्यकार मर्माहत.
हिन्दुस्तान टीम,पूर्णियाFri, 17 Jan 2020 12:43 AM
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प्रगतिशील चेतना के प्रबल प्रचारक और हिन्दी साहित्य के अनन्य साधक प्रो. खगेन्द्र ठाकुर की चिरविदाई से जिले के कवि साहित्यकार काफी मर्माहत हैं। कविता परिसर न्यू सिपाही टोला में आयोजित शोक गोष्ठी में साहित्यकारों ने उन्हें मौन श्रद्धांजलि देने के बाद उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की। साहित्यकार एवं बुजुर्ग समाज के अध्यक्ष भोलानाथ आलोक ने कहा कि प्रो. खगेन्द्र ठाकुर के प्रगतिशील विचार, विद्वतापूर्ण संभाषण और सधी हुई आलोचना पद्धति हमेशा अविस्मरणीय बनी रहेगी। प्रो. ए हसन दानिश ने कहा कि वे साहित्य की बड़ी शख्सियत थे। डॉ. रामनरेश भक्त ने उनके साहित्यिक प्रदेय की चर्चा करते हुए उन्हें शीर्षस्थ मार्क्सवादी चिंतक और समय समाज एवं साहित्य का प्रखर वक्ता कहा। कवि शिवानारायण शर्मा व्यथित ने उनके निधन को हिन्दी साहित्य संसार के लिए अपूर्णनीय क्षति बतलाया। गोष्ठी की अध्यक्षता भोलानाथ आलोक ने की। इस मौके पर सुवंश ठाकुर अकेला, अनन्त लाल यादव, राजू गिरापू, श्याम लाल पासवान, केदारनाथ साह, परिमल मित्रा, अशोक कुमार सिंह, नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, देवनारायण गोस्वमी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन अवधेश कुमार सिंह ने किया।

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