राज्य के प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठनों ने बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार कैंपेन के तहत गुरुवार को टाउन हॉल में क्लाइमेट पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का मकसद बिहार में गंभीर होते जलवायु संकट और प्राकृतिक आपदाओं के स्थायी समाधान के लिए आम सहमति बनाना है। यह कार्यक्रम बोलेगा बिहार अभियान के तहत चल रही विविध गतिविधियों का एक हिस्सा है। इसके तहत पटना, पूर्णिया और समस्तीपुर में क्लाइमेट पे चर्चा का आयोजन किया जा रहा है, ताकि जलवायु संकट और कोविड-19 महामारी के समय अक्षय ऊर्जा समाधानों के जरिए स्वास्थ्य संरचनाओं को मजबूत किया जा सके।
इस अवसर पर जलालगढ़ प्रखंड के कमलेश कुमार ने कहा कि हम जलवायु परिवर्तन के संकट पर ठोस नीतिगत पहल लेने को प्रतिबद्ध हैं। हमें बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को अपनाने की जरूरत है, जो शहर और गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण की बुनियाद रखे और बिहार को प्रगति के मामले में अग्रणी बनाने में भूमिका निभाए। इस अवसर पर सुमित प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण का संकट गहरा हुआ है, उस पर ठोस तरीके से सोचने की जरूरत है। निस्संदेह अक्षय ऊर्जा आधारित पर्यावरण समाधान सभी के लिए प्रमुख प्राथमिकता बनना चाहिए।
इस मौके पर जीविका के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राजेश कुमार ने कहा कि बिहार में अक्षय ऊर्जा की व्यापक सम्भावनाएं विद्यमान हैं। बिहार में एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए आर्थिक विकास की रफ्तार को तीव्र करने में अक्षय ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। अक्षय ऊर्जा प्रणालियां कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य संरचनाओं को बेहतर करने के साथ लघु और कुटीर उद्योग धंधों को विकसित करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। टाउन हॉल बैठक में सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिकों ने एक स्वर में इस बात पर बल दिया कि कार्बन फुटप्रिंट एवं ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के साथ-साथ स्वच्छ एवं सुरक्षित पर्यावरण को सुनिश्चित करने में अक्षय ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण है, जो कृषि, स्वास्थ्य और उद्योग-व्यापार क्षेत्र को सुदृढ़ एवं बेहतर करने में सक्षम है। आपको बता दें कि बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार, एक जन अभियान है, जो राज्य के प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठनों के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान में अक्षय ऊर्जा खासकर सोलर सोल्यूशंस की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए जन-जागरूकता फैलाना और इस पर आम जनमानस के साथ रचनात्मक संवाद करना है। इस अभियान के तहत किसान चर्चा, स्वास्थ्य पे चर्चा, टाउन हॉल मीटिंग, सोलर संवाद यात्रा और जन स्वास्थ्य सुनवाई आदि विविध कार्यक्रमों के जरिए विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा जैसे क्लाइमेट समाधानों पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि एक समृद्ध और खुशहाल बिहार का निर्माण किया जा सके।