पूर्णिया पुलिस: साल के पूर्वार्द्ध में फजीहत, उत्तरार्द्ध में स्थापित हुई साख
-फोटो : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। साल 2024 अब अलविदा कहने वाला है। इसके साथ ही इसकी खट्टी- मिट्टी यादें अब शेष रह जाएगी। बीत रहा साल पूर्णिया प

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।साल 2024 अब अलविदा कहने वाला है। इसके साथ ही इसकी खट्टी- मिट्टी यादें अब शेष रह जाएगी। बीत रहा साल पूर्णिया पुलिस के लिए कई मायने में खास रहा। साल भर के सफर में पूर्णिया ने पुलिसिंग की सुस्त और चुस्त दोनों तस्वीर देखी। साल का पूर्वार्द्ध पुलिस के लिए फजीहत भरा रहा तो इसके उत्तरार्द्ध में पुलिस की साख फिर से बनी। फजीहत और साख दोनों ही मामले में दो दशकों की यादें ताजा की। लगभग दो दशक पहले घटित पूर्णिया की दो बैंको में दिनदहाड़े हुई डकैती की याद इस साल के जुलाई में तनिष्क शो रूम में हुई डकैती की घटना ने ताजा कर दी तो दो महीने पहले कुख्यात डकैत बाबर के एनकाउंटर में ढेर होने की घटना से तत्कालिन एसपी सुधांशु कुमार के कार्यकाल की यादें अचानक पूर्णिया वासियों के जेहन में ताजा हो गई। लोगों ने दो दशक बाद फिर से पुलिस की हनक अपराधियों के बीच स्थापित होते देखी। इसके बाद से रिकवरी और गिरफ्तारियों को लेकर पुलिस का हौसला लगातार बुलंद होता गया।
-चर्चित दो हत्याओं से थर्रा उठा था पूर्णिया:--
-इस साल के मई और जून महीने में जिले की दो चर्चित हत्याओं ने पूर्णिया को थर्रा कर रख दिया था। जिसमें बनमनखी का चर्चित सीएसपी संचालक सुभाष मिश्र और भवानीपुर का चर्चित व्यवसायी गोपाल यदुका हत्याकांड शामिल है। गोपाल यादुका हत्याकांड में रूपौली से पूर्व विधायक बीमा भारती के पति अवधेश मंडल एवं उनके बेटे राजा कुमार की संलिप्तता के खुलासे के बाद मामला काफी हाई प्रोफाइल हो गया। तनिष्क लूटकांड एवं दोनो हत्याकांडों में शामिल गैंग का पुलिस ने खुलासा कर कुछ गिरफ्तारियां तो की, परन्तु तीनों ही मामले में रिकवरी लगभग शून्य रही। तनिष्क शो रूम से 3.70 करोड़ के लूटे गए जेवरातों मे से अब तक पुलिस ने महज डायमंड जरित एक अंगूठी ही बरामद की है, जबकि सीएसपी संचालक एवं गोपाल यादुका हत्याकांड के मामले में प्रयुक्त हथियार एवं सीएसपी संचालक से लूटे गए लगभग सवा पांच लाख रूपये में से कुछ भी रिकवर नहीं हो पाया है। दोनों ही मामले में कुछ गिरफ्तारियां अब तक शेष है, जिसमें गोपाल यादुका हत्याकांड में पूर्व विधायक बीमा भारती के बेटे राजा कुमार भी शामिल है। हालांकि दोनों ही मामले में फरार घोषित आरोपियों के घरों की पुलिस ने कुर्की- जब्ती की कार्रवाई कर ली है।
-नशे के कारोबार सहित छोटे- बड़े अपराधों पर कसा जाने लगा नकेल:--
-नशे के कारोबार खासकर स्मैक कारोबार का हब बनते जा रहे पूर्णिया के आगे विवश होती दिख रही पुलिस सितम्बर के मध्य में आईपीएस कार्तिकेय के शर्मा के बतौर पूर्णिया एसपी पदस्थापन के साथ ही एक्टिव होती नजर आने लगी। की छोटे- बड़े वारदातों पर एक्टिव पुलिसिंग से साल के उत्तरार्द्ध में पूर्णिया ने सकून की सांस ली। खासकर स्मैक बरामदगी एवं इसके बड़े कारोबारियों की शुरू हुई गिरफ्तारियों ने तीन महीने पहले नशे के कारोबार पर पुलिस के हमले की बनी रणनीति का आऊटपुट लोगों के सामने ला दिया। इतना ही नहीं झपटमारी को चैलेंज के रूप में लिया एवं इसके गिरोह को नेस्तनाबूद करने का बीड़ा उठा लिया है। सालों से चल रहे गन फैक्ट्री के उद्भेदन के साथ हथियारों का जखीरा पकड़ने में विगत तीन महीने में पुलिस ने आशातीत सफलता अर्जित की है। अपराध एवं अपराधियों पर नकेल कसने की पुलिस की बढ़ी गतिविधि ने इसके खोते जा रहे साख को फिर से पूर्णिया वासियों के बीच पुनर्स्थापित करना शुरू कर दिया है।
-कम संसाधनों का रोना बंद, बेहतर पुलिसिंग का तैयार किया स्कैच:--
-साल के पूर्वार्द्ध में अपराध पर लगाम लगाने में असफलता को लेकर कम संसाधनों का रोना- रोने वाली पुलिस ने हाल में बेहतर पुलिसिंग की स्कैच तैयार कर ली। हाल के महीनो में जिले में ग्यारह ओपी एवं टीओपी की स्थापना कर पहले प्राप्त संसाधनों से ही अपेक्षाकृत बेहतर व्यवस्था दिए जाने का भगीरथ प्रयास शुरू हुआ। इसके अलावा विशेष मोटरसाइकिल गश्ती टीम एवं डीआईयू को एक्टिव होने के परिणामस्वरूप अब थानों की पुलिस की भी गतिविधि बढ़ गयी है। जिससे आने वाले साल में अपराध पर और अधिक अंकुश लगने की संभावना बन गयी है।
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