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निजी नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत, हंगामा

लाइन बाजार के डोनर चौक पर स्थित मानवी नर्सिंग होम में शनिवार को एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल...

लाइन बाजार के डोनर चौक पर स्थित मानवी नर्सिंग होम में शनिवार को एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल...
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हिन्दुस्तान टीम,पूर्णियाSun, 18 Nov 2018 01:52 AM
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लाइन बाजार के डोनर चौक पर स्थित मानवी नर्सिंग होम में शनिवार को एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा। प्रसूता कटिहार के काढ़ागोला की रहने वाली थी। करीब चार घंटे तक चले हंगामे को खजांची हाट थाने की पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शांत करवाया। बताया जा रहा है की मरीज को करीब सात दिन पहले नर्सिंग होम में डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया गया था।

मृतका के परिजनों का आरोप

मामले पर मृतका के पति अभिषेक भारती ने बताया कि उनकी पत्नी की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है। जब वे डिलीवरी के लिए नर्सिंग होम आये थे तो डॉक्टर प्रियंका झा ने नार्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया था। लेकिन एक दिन बाद डॉक्टर बोलीं कि मरीज की हालत गंभीर है सिजेरियन करना होगा। इसलिए आप 20 हजार जमा करवा दें। रुपया जमा करने के बाद डॉक्टर ने सिजेरियन किया। इसमें एक बेटा हुआ। लेकिन दो दिन बाद ही पल्लवी की हालत काफी गंभीर होने लगी तो डॉक्टर से इसकी शिकायत की। तो डॉक्टर ने तीन यूनिट ब्लड चढ़ाने की बात कही। गुरुवार को एक यूनिट ब्लड भी चढ़ाया लेकिन प्रसूता की हालत में सुधार नहीं हुआ। मृतका के पति ने बताया कि शुक्रवार रात खून की कमी के कारण प्रसूता का शरीर पीला पड़ चुका था। रात को ब्लड भी चढ़ाया गया, लेकिन पत्नी की हालत गंभीर होने लगी। बाहर से एंबुलेंस मंगवाकर किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाना चाहा। लेकिन नर्सिंग होम का कंपाउंडर मेन गेट में ताला जड़कर बाहर चला गया। इसके बाद रात 2 बजे पत्नी की मौत हो गयी। -

डॉक्टर का बयान

मामले पर डॉक्टर प्रियंका झा ने बताया कि प्रसूता को जब भर्ती करवाया गया था तो जांच के दौरान बच्चे की धड़कन में लगातार कमी हो रही थी। प्रसूता की हालत भी काफी गंभीर होने लगी। इस वजह से सिजेरियन करना पड़ा। तीसरे दिन प्रसूता ने बताया कि सिर में काफी दर्द हो रहा है। इसके बाद एनेस्थेटिस्ट और फिजिशियन से जांच करवाया गया। फिजिसियन ने खून की कमी बताया, जिसके बात प्रसूता को ब्लड चढ़ाने के लिए कहा गया। लेकिन शुक्रवार को परिजनों ने रात नौ बजे ब्लड लेकर आये। इसके बाद दस बजे प्रसूता को ब्लड चढ़वाया गया। ब्लड रियेक्शन के कारण ही प्रसूता की मौत हो गयी। डॉक्टर ने बताया कि आमतौर पर किसी भी मरीज को ब्लड चढ़ाने के बाद रियेक्शन होता ही है। इसलिए परिजनों को सुबह में ब्लड की व्यवस्था करने को कहा जाता है। ताकि मरीज की हालत गंभीर होने पर भी संभाला जा सके।

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