पश्चिमी विक्षोभ खराब कर रहा एक्यूआई
-स्वास्थ्य ही नहीं फसलें भी हो रही हैं प्रभावित: पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। पश्चिमी विक्षोभ से उठी तेज पछिया हवा ने शहर से लेकर गांव तक वातावरण म

पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। पश्चिमी विक्षोभ से उठी तेज पछिया हवा ने शहर से लेकर गांव तक वातावरण में धूलकण इस तरह से घोल दिया है कि एक्यूआई खराब हो रही है। कहा जा सकता है कि एयर क्वालिटी और खराब मौसम से वनस्पति और जीव जंतुओं से लेकर आम जनजीवन की परेशानी बढ़ गई है। एक तो पूर्णिया की मिट्टी की क्वालिटी सैंडी सॉइल है तो ऊपर से शुष्क मौसम और तेज पछिया हवा ने लोगों की परेशानी इस कदर बढ़ा दी है कि सूक्ष्म रूप से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगा है। खास के बूढ़े-बुजुर्गों को सर्दी-खांसी के रूप में इसका प्रभाव देखा जा रहा है तो जिन्हें धूल से एलर्जी है उन्हें बाहर निकलने नहीं कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए कि हवा में धूल कण के सूक्ष्म पार्टिकल से स्वास्थ्य प्रभावित होने का खतरा ज्यादा रहता है। जिस दिन वर्षा हुई उसे दिन की तो कोई बात नहीं लेकिन जिस दिन वर्षा नहीं होती है और तेज हवा चलती है उस दिन पूर्णिया का औसतन एक्यूआई 200 पॉइंट पर पहुंच जाती है। हालांकि सोमवार का एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट बता रहा है।
-फसल भी होती है प्रभावित:-
-एयर क्वालिटी खराब होने के कारण पेड़ पौधे भी प्रभावित होते हैं। खासकर रबी के मौसम में मक्का और गेहूं की फसल के पत्तों पर धूल कण के सूक्ष्म पार्टिकल जमा हो जाते हैं। ऐसे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है और सूक्ष्म रूप से श्वसन प्रक्रिया भी संतुलन खो देती है। हालांकि इसका प्रभाव सर्वाधिक पश्चिमी पूर्णिया जोन के फसलों में देखा जा रहा है क्योंकि पूर्णिया के पश्चिमी क्षेत्र में सैंडी सॉइल ज्यादा है और पूर्वी क्षेत्र में लोलैंड एरिया होने के कारण सैंडी सॉइल रहने के बावजूद भी मॉइश्चर ज्यादा रहता है तो धूल का तांडव कम होता है।
-एक्यूआई क्यों हो रही खराब:-
-पूर्णिया का सॉइल सैंडी है यह सब जानते हैं, लेकिन इसके अलावा भी एयर क्वालिटी खराब होने के बड़े कारर्णों में बिल्डिंग और रोड का निर्माण कार्य है। अभी पूर्णिया में नेशनल हाईवे 107 का बड़ा काम चल रहा है जिसमें रोड के किनारे दोनों तरफ निर्माण के कारण मिट्टी ताजी हो गई है और उस धूल कर उड़ रहे हैं इसके अलावा पुल निर्माण के लिए और रोड लेवल करने के लिए बाहर से जो मिट्टी मंगवाई जा रही है उसका धूलकण भी खूब उड़ रहा है। उधर शहर में बड़ी-बड़ी अट्टालिका बन रही है जिस पर हरी चादर लगाने का प्रावधान है लेकिन अधिकांश निर्माणकर्ता इसका पालन नहीं करते। फलस्वरुप हवा में तेजी से धूलकण फैलने लगते हैं और एयर क्वालिटी खराब कर देते हैं। इसके अलावा रोड के किनारे प्लैंक पर ब्रिक सोलिंग नहीं होने के कारण भी मिट्टी उड़कर रोड पर आती है और वह वाहनों की चपेट में आकर हवा में उड़ने लगती है और एयर क्वालिटी खराब कर जाती है।
-कहते हैं चिकित्सक:-
-खराब एयर क्वालिटी के कारण बूढ़े और बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है और अनावश्यक ढंग से घर से बाहर न निकलने की भी जरूरत नहीं है। इससे सांस की भी बीमारी हो सकती है जो आगे चलकर दमा का रूप ले सकता है। बाहर निकलने के पहले मास्क लगाना जरूरी है।
-डॉ अभिषेक कुमार,
-विशेषज्ञ फिजिशियन
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-कृषि विशेषज्ञ बोले:-
-खराब एयर क्वालिटी फसलों को खराब करती है। पत्तों पर धूलकण जमा होने से फसलों की सेहत खराब हो जाती है। ऐसी स्थिति में उत्पादन भी प्रभावित होता है।
-डॉ विनोद कुमार,
-कृषि वैज्ञानिक
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