बनमनखी में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण पिछले 6 महीनों से इस इलाके के लोग रेल आवागमन की सुविधा से पूरी तरह वंचित है। लॉकडाउन के बाद कई रेलखंडों पर यात्रियों की सुविधा के लिए गाड़ियों का परिचालन शुरू किया गया। लेकिन सहरसा पूर्णिया रेलखंड के बनमनखी रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू करने को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। रेल आवागमन की सुविधा नहीं रहने के कारण हर दिन हजारों यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में भारी परेशानी हो रही है। इस रेलखंड पर चलने वाली गाड़ियों की सहायता से लंबी दूरी तक सफर करने वाले यात्रियों को भी दूसरे बड़े स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्रियों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशानी के साथ-साथ आर्थिक संकट से भी जूझना पर रहा है। करोना महामारी संक्रमण के कारण लॉकडाउन को लेकर 25 मार्च से ही गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से से बंद कर दिया गया था। सहरसा से पूर्णिया के लिए चार पैसेंजर ट्रेन चलती थी। जिससे यात्रियों को आने जाने में काफी सुविधा मिलती थी और बंद हो जाने से यात्री को आने जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यात्री अवधेश साह, छोटू अग्रवाल, अशोक यादव, गोपाल यादव, सत्यनारायण यादव, शिव कुमार मंडल, मोहम्मद तजमुल आदि ने बताया कि ट्रेन चालू होने से सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा, फारबिसगंज, अररिया, कटिहार, बरहरा कोठी आदि शहरों में जाने में काफी सुविधा मिलती थी। जब ट्रेन की परिचालन सहरसा से पूर्णिया और सहरसा से बीकोठी तक चलती थी तो हम लोगों को सफर करने में काफी सुविधा मिलती थी। करोना महामारी फैलने के कारण लॉक डाउन हो गया और ट्रेन के परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। व्यवसायी संतोष चौरसिया, बबलू, झा, रौशन अग्रवाल, सोनू अग्रवाल, प्रभाती अग्रवाल, रंजीत गुप्ता, कालू अग्रवाल, पिंटू भरतिया, मोनू भरतिया, एनायत, मनोज दास, गोलू गुप्ता, लोकेश आदि ने बताया कि पिछले 6 महीने से ट्रेन परिचालन बंद हो जाने के कारण दुकान पूरी तरह से मंदी के दौर से गुजर रही है। ट्रेन परिचालन होने से बड़हरा कोठी, जानकीनगर, औराही आदि जगहों से लोग समान खरीदने वास्ते आते थे। लेकिन ट्रेन बंद होने से दूरदराज के लोग नहीं आते हैं।
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