न्यायालय से थाने तक समन्वय, लोक अदालत को सफल बनाने की रणनीति तय
पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि। लंबित मुकदमों के शीघ्र निपटारे और लोगों को आसानी से न्याय दिलाने की कवायद के तहत 13 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत क

पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि। लंबित मुकदमों के शीघ्र निपटारे और लोगों को आसानी से न्याय दिलाने की कवायद के तहत 13 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। इसे सफल बनाने के लिए जिला न्यायालय से लेकर थाने तक प्रशासनिक और न्यायिक स्तर पर बैठकों का दौर जारी है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिलाजज कन्हैयाजी चौधरी ने सिविल कोर्ट के सभी न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुनील कुमार ने जिले सभी थानाध्यक्षों के साथ बैठक कर अदालत की कार्रवाई में शामिल होने वाले पक्षकारों को शीघ्र सूचना तामिल कराने का निर्देश दिया।
यह अदालत पूर्णिया के अलावा अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, बनमनखी, धमदाहा एवं बायसी में लगाई जा जाएगी। इसके सफल आयोजन के लिए न्यायालय परिसर में विशेष व्यवस्था की जा रही है। वहीं इस पर विशेष घ्यान रखा जा रहा है कि अधिक संख्या में पक्षकार इस अदालत का लाभ उठा सकें। ........न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैठक: राष्ट्रीय लोक अदालत के पूर्व तैयारियों को लेकर सभी न्यायिक पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक की गई। इसमें न्यायालयों में लंबित वादों की पहचान, आपसी समझौते योग्य मामलों की छंटनी तथा पक्षकारों को सूचना भेजने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। वहीं वाद के पक्षकार के बीच प्री-लोक अदालत बैठक करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार,श्रीदेशमुख, ठाकुर अमन कुमार, जितेश कुमार, आकांक्षा कश्यप, गौरव सिंह, सतीश कुमार झा,अभिषेक रंजन, इनाम खान, शीमा एरम, सितेश कुमार, बजरंग कुमार चौधरी, श्वाति कुमारी सिंह, विक्रम कुमार,धर्मेन्द्र सिंह, रंजन कुमार गुलनाज फिरदोस समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे। .....पक्षकारों को शीघ्र हो नोटिस तामिल: लोक अदालत को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पूर्णिया जिले के सभी थानाध्यक्षों की भी बैठक की गई। इस बैठक में लोक अदालत से संबंधित नोटिस की समय पर तामिली सुनिश्चित करने और पक्षकारों को स्थानीय स्तर पर समझाने का निर्देश दिया गया। इस दौरान सभी थानों से आए थानाध्यक्षों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिया गया कि लोक अदालत के मामलों की सूचना और नोटिस समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। थानाघ्यक्षों से यह भी कहा गया कि वे भी शमनीय मामलों में पक्षकारों के बीच सुलह कराने की दिशा में प्रयास करें ताकि मुकदमों को निपटरा हो सके और लोगों के बीच सामाजिक सौहार्द बनी रही। ......अधिक से अधिक मामलों का समाधान: बैठकों में यह सहमति बनी कि राष्ट्रीय लोक अदालत केवल लंबित वादों के निपटारे का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह पक्षकारों को शीघ्र और कम खर्च में न्याय दिलाने का एक प्रभावी मंच भी है। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल से कार्य करें, ताकि इस बार अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन हो सके। इसमें सुसंगत आपराधिक मामले, एनआई एक्ट से संबंधित वाद, बैंक ऋण वसूली के मामले, मोटर दुर्घटना बीमा दावा वाद, श्रम विवाद, बिजली एवं पानी बिल विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भू-अधिग्रहण के मामले, उपभोक्ता से संबंधित वाद, राजस्व संबंधी मामले, वेतन और पेंशन संबंधी विवाद, अन्य दीवानी वाद का निपटरा होगा।
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