मजदूरों के खाते में सीधे पैसा जाए.
नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में हर जगह मजदूरों का शोषण हो रहा है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका एनजीओ निभा रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत है। वार्ड पार्षद इंदिरा देवी ने नगर आवास एवं विकास विभाग के...
नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में हर जगह मजदूरों का शोषण हो रहा है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका एनजीओ निभा रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत है। वार्ड पार्षद इंदिरा देवी ने नगर आवास एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव को इसके बारे में पत्र लिख कर मांग किया है कि दैनिक श्रम पर ही मजदूरों को रखा जाए।
अपने पत्र में वार्ड पार्षद इंदिरा देवी ने कहा कि कई शहरों में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा है कि जिन मजदूरों को आउटसोर्स किया जाता है उनका हर स्तर पर शोषण होता है। इस लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि मजदूरों को उनकी मजदूरी का पैसा सीधे उनके खाते में जाए। आउटसोर्स किए गए मजदूरों को एनजीओ की तरफ से पैसा मिलता है। इससे एनजीओ को मजदूरों का शोषण करने का मौका मिल जाता है। इसलिए पूर्णिया में एनजीओ वाली व्यवस्था को समाप्त कर मजदूरों को सीधे पैसा मिले। इसे बोर्ड की बैठक में पारित कर रखा जाए। ताकि मजदूरों को उनका हक मिल सके। वार्ड पार्षद ने दिल्ली के मजदूरों और बिहार के मजदूरों को मिलने वाले पैसे की तुलना भी की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में अकुशल मजदूरों को 14842 तो बिहार 6888, अर्धकुशल को दिल्ली में 16341 और बिहार में 7254, कुशल को दिल्ली में 17991 और बिहार में 8840 और पूर्ण कुशल को दिल्ली में 19572 तो बिहार में 10790 रुपए दिए जाते हैं। इसमें सुधार करने की जरूरत है।