कृषि मंत्री ने मखाना विकास पर छात्रों से किया संवाद
पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भारत सरकार रामनाथ ठाकुर का आगमन हुआ।

पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि।भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भारत सरकार रामनाथ ठाकुर का आगमन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने मखाना विकास और कृषि क्षेत्र में चल रहे नवाचारों पर छात्रों एवं शिक्षकों के साथ विस्तृत संवाद कार्यक्रम किया। कार्यक्रम का आयोजन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निर्देशन में हुआ, जिसमें निदेशक अनुसंधान डॉ. ए. के. सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचारों के माध्यम से किसान कल्याण के नए आयाम खोलने का सशक्त संदेश भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्री रामनाथ ठाकुर द्वारा स्व. भोला पासवान शास्त्रीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर हुई।
इसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. के॰.महतो ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने महाविद्यालय में चल रहे शैक्षणिक, अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रसार और अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। विशेष रूप से उन्होंने मखाना पर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के त्वरित अनुसंधान कार्य को उजागर किया। उल्लेखनीय है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने मखाना को जीआई टैग प्राप्त कराया है तथा सबौर मखाना-1 किस्म का विकास किया है, जिससे किसान आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यक्रम में 'वन स्टूडेंट वन प्लॉट' योजना के अंतर्गत अपने कृषि प्रयासों पर छात्र-छात्राओं ने भी अनुभव साझा किया। मंत्री ने छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक ज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि कृषि वैज्ञानिकों की खोजों की वजह से कम पानी में फसल तैयार हो रही है और अल्पावधि में अधिक उत्पादन संभव हो पाया है। इसके अलावा उन्होंने कृषि के साथ जीवन शैली के सामंजस्य पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। ......दो पुस्तक का लोकार्पण: इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लोकार्पित की गईं। पहली पुस्तक थी 'सब्जियों एवं मसालों का उत्पादन तकनीक' और दूसरी पुस्तक 'फल एवं बागान फसलों की उत्पादन तकनीक'। दोनों पुस्तकों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के व्यावहारिक ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाना और उन्हें बेहतर उत्पादन तकनीकों से अवगत कराना है। निदेशक अनुसंधान डॉ. ए. के. सिंह ने मखाना विकास से जुड़ी परियोजनाओं का विस्तार से परिचय दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं से अब तक उद्यानिक फसलों का उत्पादन 300 मिलियन टन से भी अधिक हो चुका है। यह कृषि अनुसंधान क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का परिणाम है। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ प्राध्यापक और वैज्ञानिक भी उपस्थित थे, जिनमें डॉ. जनार्दन प्रसाद, डॉ. मणिभूषण ठाकुर, डॉ. आषीष रंजन, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. नरेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. जय प्रकाश प्रसाद, डॉ. विकास कुमार, डॉ. मीनू मोहन, डॉ. जाकिर हुसैन, डॉ. आषीष कुमार चौरसिया, अमरेन्द्र कुमार, डॉ. नुदरत संजिदा अख्तर, डॉ. बाल कृष्ण, डॉ. चेथना सीके, डॉ. प्रीति सुन्दरम, बिनोद कुमार झा, नवीन लकड़ा, गजेन्द्र मंडल, नीतू मेहतर और अमरजीत सिंह शामिल थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




