लक्ष्मी पूजा: मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार हुआ माहौल
जलालगढ़ के एकंबा पंचायत के विशनथा गांव में इस वर्ष लक्ष्मी पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है। यह पूजा 1961 से लगातार होती आ रही है। ग्रामीणों का मानना है कि यह मंदिर मां लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक है। पूजा...

जलालगढ़, एक संवाददाता। जलालगढ़ प्रखंड के एकंबा पंचायत के विशनथा गांव में इस वर्ष भी लक्ष्मी पूजा पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाई जा रही है। पूजा को लेकर गांव में चारों ओर हर्ष और उल्लास का माहौल है। यह पूजा साल 1961 से निरंतर आयोजित होती आ रही है। ग्रामीणों का मानना है कि विशनथा स्थित यह मंदिर एक जागृत स्थल है, जहां मां महालक्ष्मी से मन्नत मांगने पर श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूरी होती हैं। मंदिर स्थापना और पूजा की परंपरा को बनाए रखने में स्वर्गीय कामेश्वर मंडल, स्वर्गीय सूर्य नारायण मंडल और स्वर्गीय घीसा राम मंडल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
लक्ष्मी पूजा के अवसर पर मंदिर परिसर में लगने वाला मेला भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मेले में मनिहरा, खिलौनों और मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। इस बार पूजा आयोजन में युवाओं का खास उत्साह देखने को मिल रहा है। पूजा कमेटी की अध्यक्षता सुरेश मंडल कर रहे हैं, जबकि समिति में विजय कुमार मंडल, वीरेंद्र मंडल, सुमित कुमार, दयानंद मंडल, लालचंद मंडल और राकेश कुमार मंडल सहित अन्य सदस्य सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं। पूजा कमेटी अध्यक्ष सुरेश मंडल ने बताया कि मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी विधि-विधान के अनुसार पूजा-अर्चना की जा रही है। आरती के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। मेला में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन और समिति के सदस्य पूरी तरह मुस्तैद हैं। इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी मधेपुरा बिहारीगंज के कलाकारों को सौंपी गई है। शाम के कार्यक्रमों में स्थानीय और बाहरी कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। मां लक्ष्मी के दर्शन और मेले की रौनक देखने के लिए आसपास के गांवों और दूरदराज इलाकों से हजारों लोग विशनथा पहुंच रहे हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यह केवल पूजा नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक है। लक्ष्मी पूजा के अवसर पर विशनथा गांव पूरी तरह भक्ति और उमंग में डूबा हुआ है।
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