नहाय-खाय के साथ पर्व जितिया आज से शुरू
बैसा और अमौर प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को जितिया पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होगी। महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत करेंगी। इस पर्व का धार्मिक महत्व है और इसकी पौराणिक कथा महाभारत काल से...

बैसा-अमौर, एक संवाददाता। बैसा व अमौर प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को नहाय-खाय के साथ संतान की लंबी उम्र की कामना का पर्व जितिया शुरू हो जाएगा। शनिवार की सुबह नहाय-खाय को लेकर व्रती महिलाएं स्नान कर व्रत का संकल्प लेंगी। फिर सात्विक भोजन बनाकर इसे प्रसाद स्वरूप भोग लगाने के बाद व्रती स्वयं ग्रहण करेगी। पुरोहित यमुना झा ने बताया कि इस व्रत के नियमानुसार महिलाएं एक तिनका या दातून भी मुंह में नहीं लेती हैं। इसलिए इसे खर-जितिया के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व में महिलाएं अपने संतान की सलामती के लिए पूजा-अर्चना करती हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस पर्व की शुरुआत चारदिवसीय छठ पर्व की तरह नहाय-खाय से ही होती है।
इस दिन महिलाएं बिना जल के रहती है और जीमूतवाहन भगवान की पूजा करती है। पुरोहित ने बताया कि इस व्रत की पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ा है। महाभारत के युद्ध के बाद अश्वथामा अपने पिता की मृत्यु की वजह से क्रोध में था। वह अपने पिता की मृत्यु का पांडवों से बदला लेना चाहता था। एक दिन उसने पांडवों के शिविर में घुस कर सोते हुए पांडवों के बच्चों को मार डाला। उसे लगा कि ये पांडव हैं। लेकिन वह सब द्रौपदी के पांच बेटे थे। इस अपराध की वजह से अर्जुन ने उसे पकड़ लिया और उसकी मणि छीन ली। इससे आहत अश्वथामा ने उत्तरा के गर्भ में पल रही संतान को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर दिया। लेकिन उत्तरा की संतान का जन्म लेना जरूरी था, जिस वजह से श्रीकृष्ण ने अपने सभी पुण्य का फल उत्तरा की गर्भ में मरी संतान को दे दिया और वह जीवित हो गया। गर्भ में मरकर जीवित होने के वजह से उसका नाम जीवित्पुत्रिका पड़ा और यही आगे चलकर राजा परीक्षित बने। तब से ही इस व्रत को किया जाता है। .... बाजारों में रौनक, खरीदारी करते दिखीं महिलाएं क्षेत्र छोटे-बड़े बाजार में जितिया पर्व को लेकर काफी चहल-पहल देखी जा रही है। पहले दिन के अनुष्ठान नहाय-खाय को लेकर शनिवार को बाजार में रौनक बढ़ी रही। अन्य दिनों के अपेक्षा खरीदारों की संख्या में वृद्धि देखी गयी। जितिया पर्व को लेकर सब्जी का कीमत आसमान छू रही थी। जितिया के नहाय खाय दिन के लिए झिंगी, कंदा, नोनी साग, बोड़ा, लाल साग सहित विभिन्न प्रकार की हरी सब्जी की लोगों ने खरीदारी की। बाजार में सतपुतिया 50 रुपये किलो और नोनी साग 80 रुपये किलो तक पहुंच गया था। इसके अलावा रविवार की रात सरगही करने के लिए फल मंडी में फलों की बिक्री भी बेहतर रही। रविवार को फल मंडी में खासी रौनक रहेगी। जितिया पर्व को लेकर महिलाओं को भारी भीड़ क्षेत्र के बाजारों में देखी जा रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




