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रोजगार मिलेगा तो काम की तलाश में दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे राधानगर गावं के राजमिस्त्री.

प्रखंड के बरेटा पंचायत का एक गांव राधा नगर जहां राज मिस्त्री का बसेरा है। उक्त गांव के राज मिस्त्री की कारीगिरी इतनी प्रसिद्ध है कि प्रखंड ही नहीं पूरे कोसी में इन राज मिस्त्री की मांग रहती है। कई...

रोजगार मिलेगा तो काम की तलाश में दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे राधानगर गावं के राजमिस्त्री.
हिन्दुस्तान टीम,पूर्णियाWed, 29 Apr 2020 01:24 AM
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प्रखंड के बरेटा पंचायत का एक गांव राधा नगर जहां राज मिस्त्री का बसेरा है। उक्त गांव के राज मिस्त्री की कारीगिरी इतनी प्रसिद्ध है कि प्रखंड ही नहीं पूरे कोसी में इन राज मिस्त्री की मांग रहती है। कई राजमिस्त्री अधिक कमाने के चक्कर में कसबा छोड़ प्रदेश की ओर कूच कर गये थे। पिछले एक माह से भारत भी अन्य देशों की तरह वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चपेट में है। इस कोरोना वायरस के कारण दिल्ली व कोलकाता में काम करने वाले स्थानी राज मिस्त्री व मजदूर पिछले एक माह पूर्व ही दिल्ली, कोलकाता छोड़ अपना गांव आ गए हैं। लॉकडाउन के कारण काम बंद रहने से ये सभी घरों में हैं। राधा नगर बरेटा पंचायत के वार्ड 5 में स्थित है। यह गांव पंचायत का आर्दश गांव कहलाता है। इस गांव के लोग काफी सीधे साधे व कुशल व्यवहार के हैं। करीब दो हजार की आबादी वाले इस गांव में अधिकांश लोग राज मिस्त्री व राजमिस्त्री के लेवर का काम करते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप व काम के बंद हो जाने के कारण ये मजदूर लॉकडाउन के कुछ दिन पूर्व ही अपना गांव आ गए हैं। राज मिस्त्री राम लाल मंडल, मोती लाल, श्याम लाल मंडल, सूरज मंडल ने बताया कि वे सभी दिल्ली में राज मिस्त्री का काम करते थे। हर रोज 5 सौ से लेकर 6 सौ तक कमा लेते थे। कभी कभी दो शिफ्ट काम करने पर एक हजार के पास कमा लेते थे। किन्तु दिल्ली में कोरोना की आहट देख व काम बंद हो जाने के कारण हम सभी फौरन दिल्ली छोड़ ट्रेन से घर आ गये थे। घर आते ही तीन चार दिनों बाद पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। इन सबों से पूछा गया कि लॉक डाउन खुलने के बाद क्या सभी पुन: काम के लिए दिल्ली जायेंगे। तो इसमें कईयों ने कहा कि परिस्थिति देखकर सोचा जाएगा। अभी साल दो साल काम के लिए अपने जिला से बाहर नहीं जाएंगे। हमलोग तो दिल्ली व कोलकाता से ठीक से आ गये अगर हमलोग भी लॉकडाउन में फंस जाते तो फिर कैसे घर पहुंचे? इधर बरेटा पंखयत के मुखिया फर्णीभूषण मंडल ने बताया कि बाहर प्रदेश से आये मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत पंचायत के मजदूरों को सोशल डिस्टेंस के तहत व मास्क पहना कर काम करवाया जा रहा है।

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