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घर-घर कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरु

घर-घर कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरु

संक्षेप: पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग अर्न्तगत घर-घर कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरु हो गया है। दस द

Wed, 8 Oct 2025 03:16 AMNewswrap हिन्दुस्तान, पूर्णिया
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पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग अर्न्तगत घर-घर कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरु हो गया है। दस दिनों तक चलने वाले इस रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए तीन हजार से अधिक आशा को लगाया गया है। यह अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा। विभाग की ओर से इसके लिए जरूरी प्रशिक्षण आशा कर्मियों को दे दी गई है। कुष्ठ विभाग के फिजियोथेरेपिस्ट पिंटु कुमार ने बताया कि 6 अक्टूबर से यह अभियान शुरु है। इस अभियान के अर्न्तगत कार्य में लगे आशा प्रखंड क्षेत्र में जायेंगे। इन क्षेत्रों में आशा को घर-घर जाना है। इस दौरान परिवार के लोगों से बातचीत कर रोगियों की पहचान करनी है।

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इनमें परिवार के कोई एक भी सदस्य में लक्षण मिलते हैं तो उन्हें समीप के पीएचसी में रेफर करना है। पीएचसी में संबंधित रोगी की समुचित जांच की जानी है। इस जांच में यदि रोगी कुष्ठ की पहचान हो जाती है तो ऐसे रोगी को नये कुष्ठ रोगी के अर्न्तगत शामिल कर उसका उपचार होगा। -कुष्ठ के नए 38 रोगी की पहचान : -जिले में अगस्त माह तक कुल 38 नए कुष्ठ रोगी की पहचान हुई है। कुल 361 रोगी का उपचार चल रहा है। इन रोगी में अभी जिले में कुल 361 रोगी का उपचार चल रहा है। इनमें 108 पीबी और 253 एमबी रोगी हैं। इनमें एमबी रोगी को एक वर्ष तक की दवा चलती है और पीबी रोगी को छह माह तक की दवा दी जाती है। -कुष्ठ रोग के लक्षण : -कुष्ठ रोग के लक्षण में सुन्न दाग जिसमें दर्द या खुजली का ना होना, मोटा लाल रंग का दाग, मोटा दर्द युक्त तंत्रिका, हाथों पैरों में झनझनाहट होना, हाथ और पैर के तलवे में सुखापन होना यानी पसीना न आना,हाथ और पैर के तलवे में दर्द रहित घाव या जख्म का होना, हाथ या पैर का कमजोर होना या उनके विकृति आना, त्वचा पर गांठे आना, कान का मोटा या कान पर गांटे होना आदि शामिल है। -कैसे फैलता है कुष्ठ का रोग: -कुष्ठ रोग माईक्रो बैक्टेरियम लेप्री कीटाणु के संक्रमण के कारण होता है। इस बैक्टेरियम के संपर्क में रहने के कारण रोग फैलता है। रोग के किसी भी तरह के लक्षण होने की स्थिति में उपचार के प्रति हमेशा गंभीर रहने की जरूरत है ,ताकि समय रहते हुए रोग का पता चल सके और समय पर जांच कर उपचार शुरु किया जा सके।